दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जिन्हें नींद में चलने की बीमारी होती है. कई लोगों के लिए तो ये समस्या इतनी बड़ी होती है कि उन्हें इस बात का एहसास भी नहीं होता कि वो नींद में चलते हुए बहुत दूर तक पहुंच जाते हैं. ऐेसे में सवाल ये उठता है कि आखिर नींद में इंसान चलते-चलते उन जगहों पर पहुंच कैसे जाता है? जब जब भी घर से बाहर निकलते हैं तो हमारे दिमाग में वो जगह होती है जहां हमें पहुंचना है? तो क्या नींद में भी हमारा दिमाग काम कर रहा होता है? चलिए जान लेते हैं.
नींद में भी इंसान का दिमाग करता है काम?
2014 में कैंब्रिज के वैज्ञानिकों ने इसे लेकर शोध किया था कि क्या नींद में भी किसी इंसान का दिमाग का कर रहा होता है? विज्ञान पत्रिका 'करेंट बायोलॉजी' में प्रकाशित इस शोध के अनुसार, इसका जवाब है हां. इंसान जब सो जाता है तब भी उसका दिमाग चलता रहता है. इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने प्रतिभागियों को उस समय एक शब्द बताया, जब वो जाग रहे थे. लेकिन सोते समय भी उन लोगों ने उस शब्द पर सही प्रतिक्रिया दी.
इसमें कहा गया है कि सोते समय हमारा दिमाग मुश्किल काम भी कर सकता है, खासकर जब काम खुद से होने वाला हो.
कैसे की रिसर्च?
इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने प्रतिभागियों के दिमाग का व्यवहार जानने के लिए एक इलेक्ट्रोइनसिफेलोग्राम (ईईजी) का इस्तेमाल किया था. इसमें प्रतिभागियों से पूछा गया कि जो शब्द बोला जा रहा है, वो किसी जानवर से संबंधित है या फिर किसी वस्तु से. प्रतिक्रिया देने के लिए उन्हें एक बटन दबाना था. बीबीसी से हुई बातचीत में अध्ययन में शामिल पेरिस के वैज्ञानिक सिड कोईडर ने ये कहा कि हमने दिखाया कि एक सोए हुए व्यक्ति का दिमाग उससे अधिक सक्रिय रहता है जितना कि कोई व्यक्ति सोचता है. ऐसे में सोया हुआ व्यक्ति का दिमाग काम कर रहा होता है. अब वैज्ञानिक इस बात की रिसर्च में जुट गए हैं कि क्या सोए हुए व्यक्ति के दिमाग से भी कार्य करवाना संभव है?
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