कैसे आता है बर्फीला तूफान? आम तूफान से ये कितना अलग होता है
जब बर्फ के टुकड़े हवा की गर्म परत से गुजरते हैं, तो वे आंशिक रूप से पिघल जाते हैं. फिर जब वे ठंडी हवा की परत से गुजरते हैं, तो वे फिर से जमकर बर्फ के गोले बन जाते हैं.
Snow Storm: आपने बर्फीले तूफान के बारे में जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं यह सामान्य तूफान से कैसे अलग होता है? साथ ही यह तूफान कैसे आता है? आज हम आपको बताएंगे इस तूफान से जुड़ी तमाम जरूरी जानकारी. दरअसल जब बारिश गर्म हवा की परत से होकर गुजरती है, तो वह बहुत ज्यादा ठंडा हो जाती है और ठंडी सतहों से टकराने पर जम जाती है. इस तरह बर्फ की परत जम जाती है.
जब बर्फ के टुकड़े हवा की गर्म परत से गुजरते हैं, तो वे आंशिक रूप से पिघल जाते हैं. फिर जब वे ठंडी हवा की परत से गुजरते हैं, तो वे फिर से जमकर बर्फ के गोले बन जाते हैं. तेज हवाएं बर्फ के टुकड़ों को ऊपर उठाती हैं, जिससे बर्फीला तूफान आता है.
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जब पानी की बूंदें लगभग -40°F और 32°F के बीच के तापमान पर होती हैं, तो वे क्रिस्टलीकृत हो जाती हैं. जब पर्याप्त क्रिस्टल एक साथ चिपक जाते हैं, तो वे बर्फ़ के टुकड़े बन जाते हैं और ज़मीन पर गिर जाते हैं.
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अब सवाल है कि बर्फीले तूफान और सामान्य तूफान में कितना अंतर है? दोनों एक-दूसरे से कितना अलग है? जब समुद्र का तापमान बढ़ता है, तो उस ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हो जाती है. यह हवा हल्की होने के कारण ऊपर उठती है, जिससे हवा का दबाव कम हो जाता है. कम दबाव वाले क्षेत्र में, आसपास के क्षेत्रों से हवा तेजी से बहने लगती है. यह तेज हवाएं ही आंधी-तूफान का कारण बनती हैं. पृथ्वी के घूर्णन के कारण, हवाएं एक निश्चित दिशा में घूमती हैं. कुछ क्षेत्रों में, जैसे कि समुद्र के किनारे, आंधी-तूफान आने की संभावना अधिक होती है.
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