(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
काफी देर तक अंधेरे में रहने के बाद कैसे नजर आने लगता है सबकुछ, क्या इसके पीछे भी है कोई विज्ञान?
सर्दियों के मौसम में लोग अक्सर धूप सेंकने छत पर जाते हैं. लेकिन जब धूप सेंकने के बाद अब वापस अपने कमरे में लौट कर आते हैं. तो कुछ समय के लिए आपको बिल्कुल अंधेरा दिखाई देने लगता है.
विज्ञान की कुछ चीज़ें ऐसी होती है. जो हमारी रोज़ मर्रा की ज़िंदगी में होती रहती हैं. लेकिन हम उनपर ध्यान देते हैं. लेकिन जब कभी हम उन चीज़ो को लेकर गौर से सोचते हैं तो फिर हमें समझ में आता है कि वो चीज़ें सामान्य नहीं है. उनके पीछे एक विज्ञान छुपा हुआ है. आप कभी बहुत उजाले से अपने कमरे में आए हों तो आपको अंधेरा सा दिखता है. थोड़ी देर बाद आपका व्यू नॉर्मल हो पाता है. आइये जानते हैं इसके पीछे का विज्ञान.
उजाले से आने के बाद कुछ दिखता क्यों नहीं है?
सर्दियों के मौसम में लोग अक्सर धूप सेंकने छत पर जाते हैं. लेकिन जब धूप सेंकने के बाद अब वापस अपने कमरे में लौट कर आते हैं. तो कुछ समय के लिए आपको बिल्कुल अंधेरा दिखाई देने लगता है . लेकिन कुछ पलों बाद ही सब नॉर्मल हो जाता है. सामान्य तौर पर भी तेज धूप से आप एक दम से कमरे में आते है. तो आपको बेहद कम दिखाई देता है. दरअसल ऐसा इसलिए होता है.
क्योंकि जब आप तेज धूप में होते हैं. तब आंखों की पुतली छोटी हो जाती है. लेकिन जैसे ही आप कम रोशनी वाले कमरे में प्रवेश करते हैं. तो छोटी पुतली होने कारण आपको वहां और भी कम दिखाई देने लगता है. लेकिन कुछ ही पलों बाद आपकी पुतली फिर से सामान्य रूप में बड़ी हो जाती है. तब आपाको नॉर्मल दिखाई देने लगता है
यह है वैज्ञानिक कारण
आंखों के पीछे के पर्दे को रेटिना कहते है. जिसके चलते है आंखे देख पाती है. रेटिना में दो सेल्स होते हैं. एक कोन के शेप की तो वहीं दूसरी राॅड के शेप की. कोन के शेप की सेल्स ज्यादा उजाले में काम करती हैं. तो वहीं राॅड शेप सेल्स कम अंधेरे में. इसलिए जब आप बहुल उजाले में से कम अंधेरे में आते है. तब कोन शेप्ड सेल्स काम कर रही होती हैं. इसलिए देखने में परेशानी होती है. थोड़े समय बाद जब राॅड शेप्ड सेल्स एक्टिव हो जाती हैं. तब आपको सामान्य दिखने लगता है.
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