लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आज तीसरे चरण का मतदान हो रहा है. बता दें कि 94 सीटों की जगह 93 लोकसभा क्षेत्रों में लगभग 17 करोड़ 24 लाख से ज्यादा मतदाताओं अपने मताधिकार का इस्तेमाल करके प्रतिनिधि चुनेंगे. वहीं गुजरात के सूरत लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के एकमात्र उम्मीदवार के चुने जाने के कारण वहां पर मतदान नहीं हो रहा है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कब और कहां पर वोट डालेगी. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
मतदान का अधिकार
भारतीय संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति से लेकर देश के हर 18 वर्ष से ऊपर के नागरिक को मतदान का अधिकार है. हालांकि किसी भी पोलिंग बूथ पर वोटिंग देने जाने पर देश के राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,गृहमंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत सभी मंत्रियों को सुरक्षा और प्राथमिकता दी जाती है.
राष्ट्रपति का वोटर आईडी कार्ड
सवाल ये है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा चुनाव 2024 में किस लोकसभा क्षेत्र से वोट डालेगी. गौरतलब है कि महामहिम द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की रहने वाली हैं. लेकिन देश की राष्ट्रपति पद का पदभार संभालने के बाद उनका पता बदल चुका है. अब उनका पता राष्ट्रपति भवन है. गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी कृष्णमूर्ति मंगलवार बीते साल 28 नवंबर 2023 के दिन राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे. यहां उन्होंने महामहिम से मुलाकात करके उन्हें उनका नया वोटर आईडी कार्ड सौंपा था.
राष्ट्रपति किस लोकसभा क्षेत्र में डालेगी वोट?
बता दें कि राजधानी दिल्ली में 7 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है. जिसमें नई दिल्ली,चांदनी चौक,पूर्वी दिल्ली,उत्तर पूर्वी दिल्ली,उत्तर पश्चिमी दिल्ली,पश्चिमी दिल्ली,दक्षिणी दिल्ली है. इन सभी लोकसभा क्षेत्रों छठवें चरण में मतदान होंगे. वहीं नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में ही राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, इंडिया गेट, उच्चतम न्यायालय जैसी महत्वपूर्ण इमारतें हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय भवन संग्रहालय, मुगल गार्डन जैसे दर्शनीय स्थल भी यहीं हैं. जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के पोलिंग बूथ पर मतदान कर सकती हैं. क्योंकि ये उनका निजी फैसला होता है कि राष्ट्रपति वोट डालने चाहते हैं या नहीं.
कई राष्ट्रपति नहीं डालते हैं वोट?
आपको सुनकर आश्चर्य होगा कि इतिहास में बहुत सारे राष्ट्रपति चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं करते हैं. क्योंकि आम चुनाव चुनाव के दौरान कई पुराने राष्ट्रपति का मानना रहा है कि वो निष्पक्ष रहना चाहते हैं. इसलिए वो मताधिकार का इस्तेमाल नहीं करते हैं. हालांकि राष्ट्रपति के पास अधिकार है कि वो अपने पैतृक स्थान के लिए डाकमत पत्र से भी वोट डाल सकते हैं.