चांदी का वर्क कैसे बनता है? क्या सही में चमड़े की खाल में पीट-पीट कर बनाया जाता है?
Silver Work on Sweets: चांदी का वर्क चांदी को चमड़े में रखकर एक विशेष प्रकार के हथौड़े से पीट कर बनाया जाता है. पूजा और व्रत में इस्तेमाल होने के कारण अब इसे बनाने के दूसरे तरीके अपनाए जाते हैं.
How Silver Work Made: कोई त्योहार हो या फिर कोई खास समारोह, लोग एक दूसरे के लिए मिठाइयां आदि लेकर जाते हैं. मिठाई पर अगर चांदी (Silver) का वर्क लगा हो तो क्या कहने! चांदी का वर्क हुई मिठाइयां लोग बड़े ही शौक से खाते हैं. वैसे चांदी वर्क लगते ही मिठाई की कीमत भी बहुत बढ़ जाती है. मिठाई पर इसे लगा देखकर बच्चे, बड़े सभी के मुंह में पानी आ जाता है. मिठाइयों के अलावा चांदी के वर्क का इस्तेमाल पूजा और व्रत आदि में भी किया जाता है. लेकिन बहुत से लोग इसे पूजा, व्रत आदि में इस्तेमाल नहीं करते. उनका कहना है कि इसे बनाने के लिए पशुओं के चमड़े का इस्तेमाल किया जाता है. आइए जानते हैं कि चांदी वर्क को इस्तेमाल क्यों किया जाता है और इसे कैसे बनाया जाता है...
क्या होता है चांदी का वर्क?
चांदी का वर्क दरअसल Silver Leaf चांदी से बनाई गई एक बहुत ही महीन सी परत होती है. जिसे खासकर मिठाई, जैसे काजू कतली, बेसन चक्की, बंगाली मिठाई आदि बनाने के बाद उसके ऊपर लगाया जाता है. वर्क लगी मिठाई देखने में बेहद शानदार और स्वादिष्ट सी लगती है, जिसे देख हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है. मिठाई के अलावा इस चांदी का इस्तेमाल सजावट, पान में, मीठी सुपारी बनाने में, पैकेट बंद इलाइची पर चढ़ाने, खजूर और च्यवनप्राश आदि पर किया जाता है.
क्यों होता चांदी के वर्क का इस्तेमाल?
दरअसल, चांदी में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो मिठाई को लंबे समय तक खराब होने से बचाते हैं. मुख्य रूप से चांदी के इसी गुण की वजह से मिठाइयों पर चांदी वर्क लगाने का चलन शुरू हुआ था. आजकल इसका इस्तेमाल सजावट के लिए भी होने लगा है. इसमें एन्टीमाइक्रोबायल गुण होने के कारण मिठाइयों पर बैक्टीरिया पनपने की संभावना कम हो जाती है, जिससे उस खाद्य पदार्थ को विषाक्त होने से बचाया जा सकता है.
कैसे बनाया जाता है चांदी वर्क?
चांदी वर्क बनाने के लिए चमड़े का इस्तेमाल होता है. सिल्वर लीफ (चांदी) को चमड़े में रख कर विशेष तरह के हथौड़े उसे लम्बे समय तक कूट-कूट कर पतला किया जाता है. ऐसा करने से चांदी एक पतली झिल्ली जैसी परत में बदल जाती है. यह महीन परत ही चांदी का वर्क कहलाती है. इसके बाद इसे निकाल कर कागज़ में पैक करके बाजार में बेचा जाता है. पशु के चमड़े में बनने वाले चांदी के वर्क पूजा, व्रत आदि में इस्तेमाल करने योग्य नहीं रह जाते हैं, इसीलिए वर्क बनाने के लिए पशुओं के किसी भी अंग को इस्तेमाल करने पर प्रतिबंधित लगा दिया गया. पहले चांदी का वर्क बनाने के लिए पशुओं के चमड़े का इस्तेमाल होता था, जिसपर लोगों को आपत्ति थी, इसलिए अब इसे बनाने के लिए जर्मन बटर पेपर नामक शीट या विशेष प्रकार से बनाये गए काले कागज का इस्तेमाल होने लगा है. आजकल चांदी वर्क मशीनों की मदद से बनने लगे हैं. जिससे उन्हें पूजा या व्रत आदि में इस्तेमाल किया जा सकता है.
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