धरती रहस्यों से भरी हुई है. अगर आपसे कोई पूछेगा कि सूर्य का रंग क्या है? इसका जवाब अधिकांश लोग पीला, नारंगी ये ही देंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सूर्य का असली रंग क्या है. आज हम आपको बताएंगे कि सूर्य का असली रंग क्या है और जमीन से ये दूसरे रंग का क्यों दिखता है. 


सूर्य का रंग 


सूर्य कैसा दिखता है इसके पीछे कई प्रमुख कारक हैं. इसमें इंसान के देखने की प्रक्रिया से लेकर सूर्य की रोशनी तक शामिल है. बता दें कि सूर्य कई कारणों से ऊर्जा अपने अंदर से बाहर निकालता है, उसमें कई तरह की तरंगें होती हैं. इसमें वे तरंगे भी शामिल हैं, जिन्हें हमारी आंखें देख सकती हैं. दरअसल इन्हीं को प्रकाशीय तरंगे कहते हैं. इसके अलावा पराबैंगनी, अधोरक्त (इंफ्रारेड), आदि कई तरंगे भी होती हैं, जिन्हें हमारी आंखें देख नहीं सकती हैं.


वायुमंडल में आने के बाद बदलती है सूर्य की रोशनी 


बता दें कि स्पेस में सूर्य से आने वाली रोशनी में सारी तरंगे एक साथ आती हैं, इसलिए हमें वहां पर सूरज सफेद रंग का ही दिखाई देता है. लेकिन जब यही रोशनी हमारे वायुमंडल से होकर गुजरती है, तो हमारी आंखों तक पहुंचने से पहले इसमें कुछ बदलाव आ जाता है, जिससे यह हमें कई बार सूरज अलग रंग का दिखने लगता है.


पीले रंग की होती है रोशनी


वायुमंडल से गुजरते समय सूर्य की रोशनी की गुच्छा उसके कणों से टकराता है, ऐसे में कम वेवलेंथ की तरंगे जल्दी बिखर जाती हैं. यही कारण है कि हमारी आंखों में केवल नीली तरंगों को छोड़ कर बाकी सभी तरंगें मिलकर पहुंचती हैं. जिस कारण सूरज का रंग पीले रंग का दिखाई देता है. वहीं जैसे जैसे दिन ढलने लगता है, सूर्य की किरणों को वायुमंडल का ज्यादा सफर करना होता है. इस दौरान ज्यादा संख्या में प्रकाशीय तरंगे बिखरने लगती हैं, इसलिए धीरे धीरे इसका रंग लाल, नारंगी आदि भी दिखने लगता है.


सफेद क्यों दिखता है सूर्य?


अब सवाल ये है कि धरती से सूर्य सफेद क्यों दिखता है. बता दें कि अक्सर बादल, धुंध, कोहरा, धुएं के हालात में सूर्य की रोशनी बहुत कम पहुंच पाती हैं, ऐसे धुंधले वातावरण में सूर्य हमें सफेद रंग का या बहुत ही हल्के पीले रंग का दिखाई देता है. 


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