Sindoor Fact: हिंदू धर्म में पूजा और शादी शुदा महिला के नजरिए से सिंदूर का अलग ही महत्व है. हिंदू धर्म में तो सुहागिनों की पहचान सिंदूर से ही होती है. हिंदू धर्म में शादी-शुदा महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए मांग में सिंदूर लगाती हैं. धार्मिक महत्व के अलावा सिंदूर लगाने के कई वैज्ञानिक महत्व भी हैं. आज हम आपको सिंदूर के दोनों महत्व के बारे में बताएंगे, लेकिन उससे पहले जानेंगे कि आखिर सिंदूर बनता कैसे है? प्राकृतिक सिंदूर और आर्टिफिशियल सिंदूर में क्या अंतर है, साथ ही इनकी पहचान कैसे की जा सकती है. इसके साथ ही यह भी जानेंगे कि आर्टिफिशियल सिंदूर आपके लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है? 


सिंदूर भी होता है दो तरह का
मुख्य रूप से सिंदूर दो तरह के होते हैं, पहला होता है प्राकृतिक और दूसरा आर्टिफिशियल सिंदूर. प्राकृतिक सिंदूर को पौधों से प्राप्त किया जाता है. जबकि आर्टिफिशियल सिंदूर को कई तरह के केमिकल से मिलाकर तैयार किया जाता है. आर्टिफिशियल सिंदूर में लेड ऑक्साइड, सिन्थेटिक डाई और सल्फेट मिले होते हैं. इसके इस्तेमाल से महिलाओं को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं.


कैसे बनता है प्राकृतिक सिंदूर?
प्राकृतिक सिंदूर का मुख्य स्त्रोत कमीला का पौधा होता होता है. इन पौधों में लगने वाले फल के सूख जाने के बाद उसके अंदर मौजूद बीजों को निकाल लिया जाता है. जिसके बाद उन्हें अच्छी तरह से सुखा लिया जाता है और फिर उनको पीसकर पाउडर बना दिया जाता है. कमीला के बीजों से बना यह पाउडर ही असली और प्राकृतिक सिंदूर होता है. कमीला के फूलों का रंग हल्का बैंगनी होता है और इसके फल गुच्छों में लगते हैं. कमीला के पौधों से केवल सिंदूर ही नहीं बल्कि प्राकृतिक लिपस्टिक भी बनाई जाती है. इससे बनने वाले सिंदूर और लिपस्टिक के कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं.


आर्टिफिशियल सिंदूर के नुकसान
आर्टिफिशियल सिंदूर बनाने के लिए लेड ऑक्साइड, सिन्थेटिक डाई, सल्फेट जैसे रसायनों का इस्तेमाल होता है. इस तरह के केमिकल महिलाओं के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं. आर्टिफिशियल सिंदूर के केमिकल से गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चों पर भी बहुत बुरा असर लड़ता है. इसमें मौजूद सिन्थेटिक डाई के कारण बालों के झड़ने की समस्या हो सकती है. लेड ऑक्साइड से सिर की त्वचा में जलन हो सकती है और इसमें मौजूद सल्फेट, कैंसर जैसी घातक बीमारी को जन्म दे सकते हैं.


इस तरह कर सकते हैं नकली सिंदूर की पहचान
देखने में असली और नकली सिंदूर बिल्कुल एक जैसे लगते हैं. ऐसे में नकली सिंदूर की पहचान करने के लिए इसकी एक चुकटी मात्रा को हाथों की हथेली में रगड़े. अब इसे फूंक मारकर उड़ा दे. अगर यह सिंदूर नकली होगा तो हाथ में चिपका रह जायेगा, क्योंकि असली सिंदूर उड़ जाता है.


यह भी पढ़ें -


आखिर काला कोट ही क्यों पहनते हैं वकील, बड़ा दिलचस्प है इसका इतिहास