अगर धरती पर मौजूद सारी बर्फ पिघल जाए तो क्या होगा, कैसी नजर आएगी अपनी पृथ्वी?
अगर पृथ्वी का तापमान इसी तरह से बढ़ता रहा तो इस बात की संभावना काफी ज्यादा है कि यह बर्फ पिघल कर समुद्र में मिल जाएगी. बर्फ के पिघलने से वैश्विक समुद्र का स्तर लगभग 216 फीट बढ़ जाएगा.
क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया में कितनी बर्फ होगी? अगर दुनिया की सारी बर्फ रातोंरात पिघल जाए तो क्या होगा? ये सवाल आपको चौंका सकते हैं, लेकिन हाल ही में सामने आई एक स्टडी में इन सवालों के जवाब छिपे हैं. इससे पहले कि हम इन सवालों के जवाब की तरफ बढ़ें आपके लिए यह जान लेना जरूरी है कि दुनिया का करीब 10 प्रतिशत हिस्सा बर्फ की चादर से ढका हुआ है. यानी पृथ्वी का करीब 5.5751 मिलियन वर्ग मील क्षेत्र.
दुनिया का जो हिस्सा बर्फ से ढका हुआ है, उनमें बड़े-बड़े ग्लेशियर, ग्रीनलैंड, अंटार्कटिका जैसे क्षेत्र शामिल हैं. बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग ने इन ग्लेशियरों और अंटार्कटिका और ग्रीनलैंड जैसे इलाको में बर्फ पिघलने का खतरा भी बढ़ा दिया है. अगर पृथ्वी का तापमान इसी तरह से बढ़ता रहा तो इस बात की संभावना काफी ज्यादा है कि यह बर्फ पिघल कर समुद्र में मिल जाएगी.
इस सकती है प्रलय
अगर दुनिया की सारी बर्फ रातोंरात पिघल जाए तो यह किसी प्रलय से कम नहीं होगी. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि बर्फ के पिघलने से वैश्विक समुद्र का स्तर लगभग 216 फीट बढ़ जाएगा, जिसके फलस्वरूप सातों महाद्वीप आंशिक रूप से पानी में डूब सकते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि बर्फ के पिघलने से तटीय शहरों के डूबने का खतरा सबसे ज्यादा है.
नक्शे से मिट जाएंगे कई शहर
वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर दुनिया की सारी बर्फ एक साथ पिघलना शुरू कर दे तो यह काफी विनाशकारी हो सकता है. बर्फ के पिघलने से ब्रुसेल्स, वेनिस जैसे कई यूरोपीय शहर पूरी तरह से पानी में डूब सकते हैं. अफ्रीका और मिडिल ईस्ट में जेद्दा, डकार, अक्रा जैसे कई शहर गायब हो जाएंगे. इसका असर एशिया तक पड़ेगा और मुंबई, बीजिंग और टोक्यो जैसे शहरों में लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ेगा. वहीं, दक्षिण अमेरिका रियो डी जेनेरियो और ब्यूनस आयर्स जैसे शहर भी धरती के नक्शे से मिट सकते हैं. इसके अलावा अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को, न्यूयॉर्क, फ्लोरिडा भी समुद्र में समा सकते हैं. इसके अलावा अमेरिका के अधिकांश आबादी वाले क्षेत्र भी बुरी तरह प्रभावित होंगे और समुद्रा का स्तर बढ़ने के कारण ये क्षेत्र पूरी तरह पानी के अंदर डूब सकते हैं.
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