Mughal History: मुगल बादशाह औरंगजेब को तानाशाह माना जाता था. हालांकि भारत में उन्होंने कई बेेहतरीन इमारतों का निर्माण भी करवाया था. औरंगजेब ने अपने बड़े भाई दारा शिकोह की हत्या कर राजगद्दी हासिल की थी. साथ ही उसने अपने पिता शाहजहां को बुढ़ापे में साढ़े सात सालों तक आगरा केे किले में कैदी बनाकर रखा था. औरंगजेब के राजपाठ में मुगल साम्राज्य इतना फैला था कि उसने लगभग पूरे उपमहाद्वीप को अपने साम्राज्य का हिस्सा बना लिया था. हालांकि कम ही लोग जानते हैं कि आखिर ये मुगल बादशाह कितना पढ़ा लिखा था.


कितना पढ़ा लिखा था औरंगजेब?
औरंगजेब ने भारत की 15 करोड़ जनता पर 49 सालों तक राज किया था.  'औरंगज़ेब-द मैन एंड द मिथ' के हवाले से बीबीसी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि शाहजहां के तीसरे बेटे औरंगजेब ने इस्लामी धार्मिक साहित्य पढ़ने के अलावा तुर्की साहित्य भी पढ़ा और हस्तलिपि विद्या में महारत हासिल की थी. औरंगजेब बाकि मुगल बादशाहों की तरह बचपन से ही धाराप्रवाह हिंदी बोलते थे. 


खुद को मुगल सल्तनत का सबसे योग्य वारिस मानतेे थे औरंगजेब
शाहजहां के 4 बेटे थे. जिनमें से शाहजहां अपने सबसे बड़े बेटे दारा शिकोह को मुगल सल्तनत सौंपना चाहते थे. दारा शिकोह को वो सबसेे योग्य भी मानते थे. हालांकि औरंगजेब की नजरों में वो ही मुगल सल्तनत के असली हकदार थे. यही वजह थी कि दारा शिकोह के हाथ में सत्ता आने से पहले ही उसने पिता शाहजहां को कैदी बना लिया और दारा शिकोह की दर्दनाक हत्या करवाकर खुद मुगल बादशाह बन गया.


मरने के बाद औरंगजेब को कच्ची कब्र में किया गया दफ्न
'औरंगज़ेब-द मैन एंड द मिथ' किताब में ये भी बताया गया है कि औरंगजेब जब मरा तो उसे महाराष्ट्र के खुलदाबाद में एक कच्ची कब्र में दफन किया गया था. जबकि इसके विपरीत हुमायूं के लिए दिल्ली में लाल पत्थर का मकबरा बनवाया गया था तो वहीं शाहजहां को आलीशान ताजमहल में तफनाया गया था.          


यह भी पढ़ें: इस मुगल बादशाह के एक फैसले के चलते भारत ने झेली 200 साल गुलामी! फिर उस बादशाह का हुआ था ये हाल