जानिए कैसे हुई थी पढ़ाई की शुरुआत, पहली बार इंसानों ने किस लिए पढ़ना सीखा
पढ़ाई का दिमाग से बहुत लेना देना होता है. आप जो कुछ भी पढ़ते हैं या सीखते हैं वो आपके दिमाग के जरिए ही होता है. और इसके लिए जिम्मेदार होते हैं हमारे न्यूरॉन्स.
आज के दौर में पढ़ाई हर इंसान के लिए जरूरी है. कुछ लोग तो यहां तक मानते हैं कि आप भूखे रह सकते हैं लेकिन बिना शिक्षा के नहीं. यानी आज के समय में सबसे जरूरी अगर कोई चीज है तो वो है शिक्षा. अब आते हैं अपने असली सवाल पर कि आखिर इंसानों के बीच ये पढ़ने कला कैसे विकसित हुई. यानी ऐसी कौन सी चीज थी जिसने इंसानों को पढ़ाई को ओर आगे बढ़ाया.
कब से शुरू हुई पढ़ाई
ऐसे देखा जाए तो इसका इतिहास सदियों पुराना है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लिखना पढ़ना कई हजार साल पहले ही शुरू हो गया था. लेकिन विज्ञान पढ़ाई को लेकर कुछ और ही तर्क देता है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, रिसर्च स्कॉलर मैरिएन वुल्फ का कहना है कि पढ़ाई एक कला है जिसकी शुरुआत कुछ छह हज़ार साल पहले हुई थी. वो आगे कहती हैं कि इसकी शुरुआत कुछ इस तरह की गिनती से हुई थी जैसे कि हमारे पास शराब की कितने बर्तन या भेड़ें हैं. जब वर्णमाला बनाई गईं तो उसके ज़रिए इंसानों ने किसी चीज को पढ़ कर याद रखने और जानकारियां हासिल करने की कला सीखी.
पढ़ाई में दिमाग़ का अहम योगदान
भारत में जब कोई बच्चा पढ़ाई में तेज होता है तो लोग कहते हैं कि इस बच्चे का दिमाग बहुत तेज है. वहीं जब कोई बच्चा पढ़ाई में कमजोर होता है तो लोग कहते हैं कि इसका दिमाग कमजोर है. दरअसल, पढ़ाई का दिमाग से बहुत लेना देना होता है. आप जो कुछ भी पढ़ते हैं या सीखते हैं वो आपके दिमाग के जरिए ही होता है. दरअसल, दिमाग में दस अरब से ज्यादा न्यूरॉन्स होते हैं और इन्हीं के माध्यम से दिमाग सूचनाओं का आदान प्रदान करता है. यानी पढ़ाई करने और पढ़ी हुई चीजों को याद करने में भी इन्हीं न्यूरॉन्स की जरूरत होती है.
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