नॉर्थ कोरिया का नाम सुनते ही लोगों के मन में तानाशाह किम जोंग उन का नाम आ जाता है. किम जोंग उन की तानाशाही के इतने चर्चे हैं कि लोग नॉर्थ कोरिया को भी उन्हीं के नाम से याद करते हैं. नॉर्थ कोरिया में लंबे समय से उन्हीं की तानाशाही चल रही है. खबरें ऐसी भी आती हैं कि किम जोंग उन की तानाशाही से नॉर्थ कोरिया में रह रहे लोग भी परेशान रहते हैं, ऐसे में अक्सर लोगों के मन में सवाल ये उठता होगा कि यदि नॉर्थ कोरिया में चुनाव होते हैं तो वहां के लोग तानाशाह किम जोंग उन को ही क्यों चुनते हैं.
दरअसल नॉर्थ कोरिया में चुनाव का तरीका जान शायद आप भी हैरान रह जाएंगे और आपकी हंसी भी छूट जाएगी. वहां चुनाव होता है तो किम जोंग उन 99 फीसदी वोटों से जीत जाते हैं. तो चलिए आज हम आपको वहां होने वाले दिलचस्प चुनावों के बारे में ही बताते हैं.
नॉर्थ कोरिया में चुनाव
भारत में जिस तरह लोकसभा और विधानसभा चुनाव होते हैं, उसी तरह नॉर्थ कोरिया में भी सुप्रीम पीपुल एसेंबली और लोकल पीपुल एसेंबली इलेक्शन होता है. सुप्रीम पीपुल एसेंबली चुनाव के जरिए किम जोंग उन को चुना जाता है. ये चुनाव हर चार साल में एक बार होता है.
कैसे होते हैं चुनाव?
नॉर्थ कोरिया में बाकी देशों की ही तरह चुनाव होते हैं, जिसमें वहां रह रहे सभी लोगों को वोट डालना अनिवार्य होता है. ऐसे में वहां वोटिंग का प्रतिशत 99 फीसदी होता है. हालांकि चुनाव के पहले ही वहां सभी को उसके नतीजे पता होते हैं. दरअसल, पिछले कुछ समय से होता कुछ यूं है कि नॉर्थ कोरिया के चुनाव में सिर्फ एक ही कैंडिडेट खड़ा होता है, जो किम जोंग उन हैं. जब मतदाता वोट देने जाते हैं तो उन्हें एक कार्ड दिया जाता है. जिसमें उन्हें पसंद और नापसंद करना होता है.
ऐसे में वोटिंग केंद्र के बाहर के तोप भी रखी जाती है. अब आप समझ ही गए होंगे कि उस कार्ड पर नापसंद का ऑप्शन चुनने वालों के साथ क्या होता होगा, ऐसे में लोगों के पास उस कार्ड पर सिर्फ पसंद का ऑप्शन ही होता है. फिर चुनाव के कुछ महीनों बाद परिणाम घोषित किए जाते हैं, जिसमें हर बार की तरह किम जोंग उन की जीत हो जाती है.
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