चीन में कैसे बनाया जाता है प्लास्टिक से नकली चावल… अगर किसी ने खा लिया तो क्या होगा?
Plastic Rice: देश के हर घर में लगभग व्यक्ति दिन में एक बार चावल खा लेता है. एक बार सोच कर देखिए कि क्या होगा जब आपकी थाली में नकली चावल परोसा जाए. चीन में बनाए गए नकली चावल मार्केट में बिक रहे हैं.
Plastic Rice: आमतौर पर लोग चावल की क्वालिटी पर बात करते हैं, उसकी वैरायटी कौन सी है? वह बासमती है, पूसा, कस्तूरी, तरोरी या फिर किसी दूसरे किस्म की चावल है. आपको जानकर हैरानी होगी कि पूरी दुनिया में 40,000 से अधिक किस्म की चावल उगाई जाती है. लेकिन आज हम जिस विषय पर बात करने वाले हैं. वह चावल की किस्म से रिलेटेड नहीं है बल्कि चावल के असली और नकली होने पर निर्भर है. चीन की फैक्ट्री में नकली चावल का भी उत्पादन तेजी से किया जा रहा है और यह चावल भारतीय बाजार में असली चावल के साथ बिक रहे हैं. आज की स्टोरी में हम या जानेंगे कि नकली चावल को कैसे पहचान सकते हैं और इसे फैक्ट्री में कैसे तैयार किया जाता है?
कैसे तैयार होता है नकली चावल
अंग्रेजी वेबसाइट इंडिया डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह चावल आलू, शकरकंद और प्लास्टिक को मिलाकर बनाया गया है. चावल पकाने के बाद भी सख्त रहता है और एक महीन परत छोड़ता है जो सूखने के बाद प्लास्टिक की तरह जल जाता है. इस तरह का नकली चावल हमारे देश में काफी हिस्सों में बेचा जा रहा है. चीन से आयात कर हमारे देश में बेचे जा रहे नकली चावल की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट सुनवाई चल रही है.
ऐसे कर सकते हैं उसकी पहचान
यदि यह सच साबित होता है, तो खाद्य पदार्थों में मिलावट के उच्च स्तर को लेकर एक बड़ी स्वास्थ्य चिंता है. चावल, दाल और फल के थोक व्यापारियों के यहां छापेमारी की जाएगी और मिलावट की जांच के लिए नमूने एकत्र किए जाएंगे. अब समय आ गया है कि ऐसे कदम उठाए जाएं. आयातित किये जा रहे नकली चावल को असली चावल से अलग नहीं किया जा सकता है. इसकी पहचान करने के लिए आप चावल के माड़(सूप) को टेस्ट कर पता लगा सकते हैं. साथ में उसकी खुशबू भी असली से अलग होती है. वह जल्दी पकता भी नहीं है. उसकी चमक अधिक होती है.
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