बाघिन जीनत पर इस समय तीन राज्यों के वन विभाग का ध्यान लगा हुआ है. दरअसल ओडिशा के सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व में रहने वाली जीनत बाघिन दो राज्यों से होते हुए बंगाल पहुंची है. बंगाल के पुरुलिया के एक पहाड़ी जंगल में तीन दिनों में पहली बार जीनत ने अपना शिकार किया है. अब सवाल ये है कि कोई भी बाघिन एक दिन में कितनी दूरी का सफर कर सकती है.
बाघिन जीनत
बता दें कि बाघिन जीनत पर ओडिशा, बंगाल समेत तीन राज्यों के वन विभाग की नजर है. मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया है कि भूखी बाघिन जीनत बंगाल पहुंचने के बाद बंगाल के पुरुलिया के एक पहाड़ी जंगल में तीन दिनों में पहली बार अपना शिकार किया है. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जीनत ने लगभग 30 किलो वजन वाली एक बकरी को मार डाला और उसका एक बड़ा हिस्सा खाया है. वहीं ग्रामीणों ने बाघिन द्वारा मारी गई दो और बकरियों को शव बरामद किया है.
जीनत ने किया तीन दिन में पहला शिकार
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक दो सप्ताह पहले ओडिशा के सिमिलिपाल राष्ट्रीय उद्यान से भटकी तीन वर्षीय मादा बाघ जीनत को अभी तक पकड़ में नहीं आई है. वन विभाग के अधिकारियों ने बीते मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया था कि जीनत ने अपना पहला शिकार किया है. उसने एक बकरी को मार डाला है, जो जंगल में भटक गई थी. हालांकि उसने बकरी को पूरा नहीं खाया है, उसका कुछ हिस्सा ही खाया है. टीम ने कहा कि हम उसे पकड़ने के लिए शव का उपयोग करने की योजना बनाई है. हमने शव के पास ट्रैंक्विलाइज़र की एक टीम रखी है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बाघिन भोजन खत्म करने के लिए वापस आएगी.
एक दिन में बाघिन कितना करती है सफर
बता दें कि बाघिन और बाघ भोजन की तलाश में रोज़ाना 37 मील या इससे अधिक की यात्रा कर सकते है. वहीं जरूरत पड़ने पर करीब 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ सकता है. हालांकि पेट भरने होने परबाघों को सोना बहुत पसंद है. वे दिन में 18-20 घंटे सो सकते हैं. वहीं बाघ लगभग दो साल की उम्र में अपनी मां से आज़ाद हो जाते हैं.
3 राज्यों की टीम अलर्ट
बता दें कि बाघिन जीनत के पकड़ में नहीं आने के कारण तीन राज्यों के वन विभाग की टीम अलर्ट है. दरअसल बाघिन ओडिशा और झारखंड से आने के बाद बाघिन पिछले कुछ दिनों से पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के बंदवान वन क्षेत्र में है. वह वन विभाग के अधिकारियों द्वारा लगाए गए चारे से बच रही है.
बाघिन को पकड़ने की कोशिश
मुख्य वन्यजीव वार्डन देबल रॉय ने मीडिया को बताया कि हमें लगता है कि उसे पहले भी चारे का इस्तेमाल करके पकड़ा गया होगा. इसलिए वह हमारे द्वारा दिए गए चारे के पास नहीं आ रही है. रॉय ने कहा कि हमने उस क्षेत्र के आसपास छह और स्मार्ट कैमरे लगाने का फैसला किया है, जहां वह वर्तमान में मौजूद है. इन कैमरों में नाइट विजन और रियल टाइम इमेजरी है, जो हमें बाघिन को ट्रैक करने में मदद करेगी.
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