किसका दिल ज्यादा धड़कता है, महिलाओं का या पुरुष का?
अगर किसी का दिल प्रति मिनट 100 बार से ज्यादा धड़क रहा है तो यह खतरनाक स्थिति हो सकती है. इसके अलावा अगर किसी का दिल प्रति मिनट 60 बार से कम धड़क रहा है तब भी यह खतनाक स्थिति में गिना जाता है.
इंसान के 'है' और 'था' होने में दिल की धड़कन का अहम रोल होता है. जब तक दिल धड़कता रहता है इंसान 'है' होता है. जैसे ही दिल की धड़कन बंद होती है वैसे ही इंसान 'है' से 'था' हो जाता है. हम बचपन से पढ़ते आए हैं कि एक आम इंसान का दिल एक मिनट में 72 बार धड़कता है, लेकिन क्या ये सच है. क्या आदमी और औरत का दिल एक ही जितना धड़कता है. चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
किसका दिल ज्यादा धड़कता है
विज्ञान के अनुसार, पुरुषों को मुकाबले महिलाओं का दिल ज्यादा धड़कता है. एक युवा नॉर्मल युवा महिला का दिल एक मिनट में 78 से 82 बार धड़कता है. वहीं, अगर आपको हॉर्मोन से संबंधित कोई दिक्कत है या आप एक्सरसाइज कर रही हैं तो आपका दिल एक मिनट में 60 से 100 बार के बीच धड़क सकता है. जबकि, एक युवा पुरुष का दिल एक मिनट में 70 से 72 बार धड़कता है.
महिलाओं का दिल तेज क्यों धड़कता है
महिलाओं का दिल पुरुषों के मुकाबले ज्यादा तेज इसलिए धड़कता है क्योंकि इनके दिल का आकार छोटा होता है. दरअसल, पुरुषों के दिल का आकार महिलाओं के दिल के आकार से लगभग 15 से 30 फीसदी तक बड़ा होता है. बड़ा दिल होने की वजह से वह खुन को ज्यादा मात्रा में पंप कर पाता है. वहीं महिलाओं का दिल छोटा होता है, इसलिए उसे खून को पंप करने के लिए ज्यादा तेज काम करना होता है. यही वजह है कि महिलाओ का दिल पुरुषों के दिल की तुलना में ज्यादा धड़कता है.
दिल का कितना धड़कना खतरनाक स्थिति में आता है
अगर कोई महिला किसी हॉर्मोनल बीमारी से पीड़ित नहीं है और वह एक्सरसाइज भी नहीं कर रही है...लेकिन इसके बावजूद उसका दिल प्रति मिनट 100 बार से ज्यादा धड़क रहा है तो यह खतरनाक स्थिति हो सकती है. इसके अलावा अगर किसी महिला का दिल प्रति मिनट 60 बार से कम धड़क रहा है तब भी यह खतनाक स्थिति में गिना जाता है. पुरुषों के लिए भी यही नियम लागू होता है. अगर किसी के साथ ऐसा हो रहा है तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
उम्र के हिसाब से समझें
ऐसा नहीं है कि हार्ट बीट का धीरे होना हमेशा ही खतरनाक होता है. दरअसल, जब किसी इंसान की उम्र 40 पार करती है तो उसके दिल का धड़कना धीरे-धीरे कम होने लगता है. यानी अगर जवानी में आपका दिल एक मिनट में 72 बार या 80 बार धड़कता था तो जरूरी नहीं है कि बुढ़ापे में भी आपका दिल इतनी ही तेज धड़के. हालांकि, ये कमी इतनी भी नहीं होनी चाहिए की धड़कन एक मिनट में 60 से कम हो जाए. अगर ऐसा होता है तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
ये भी पढे़ं: जब प्यार को माना जाता था गंभीर बीमारी, इन दो चीजों से होता था इलाज