हमारे देश में कई मंदिर हैं और सभी की अपनी अलग पहचान है. इन्हीं में से एक है उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर. जहां कई ऐसी चीजें हैं जो आपको अचंभे में डाल देती हैं. यहां रसोई में एक समय में हजारों लोगों का खाना एक साथ बनता है. यहां की रसोई को दुनिया की सबसे बड़ी रसोई में से एक माना जाता है, जहां दस हजार हों या लाखों लोग, कोई भूखा नहीं जाता, लेकिन आखिर ये होता कैसे है चलिए जानते हैं.


भगवान जगन्नाथ की रसोई में इस तरह तैयार किया जाता है खाना
जगन्नाथ मंदिर से भारत के कई लोगों की आस्था जुड़ी हुई है, इस मंदिर में कई ऐसेे चमत्कार भी हैैं जिसके चलते लोग अचंभित रहते हैं. साथ ही इन्हें जानकर लोगों की भगवान जगन्नाथ के प्रति आस्था और बढ़ जाती है. जिनमें से एक यहां की रसोई भी है. दरअलल जगन्नाथ मंदिर की रसोई दुनिया की सबसे बड़ी रसोई में से एक है. जहां एक बार में हजारों लोगों का भोजन तैयार होता है. इसमें भी एक चमत्कार देख सभी दंग रह जाते हैं. 


दरअसल यहां कई चूल्हेे जलते हैं. जहां मिट्टी के बर्तनों पर खाना पकाया जाता है. यहां हर चूल्हे पर एक केे ऊपर एक 9 बर्तन रखे जाते हैं. आपको लग रहा होगा कि सबसे पहले जिस बर्तन को रखा गया है, यानी सबसे नीचे वाले बर्तन पर सबसे पहले खाना पकता होगा, लेकिन बता दें ऐसा नहीं है. बल्कि इन 9 बर्तनों में सबसे ऊपर जो बर्तन रखा है उसका खाना सबसे पहले पकता है. 


कौन बनाता है जगन्नाथ मंदिर में रसोई
जगन्नाथ मंंदिर में हर चीज का विशेष ध्यान रखा जााता है. ऐसे में मंदिर में जो रसोई तैयार करते हैं वो भी ब्राम्हण ही होते हैं. खाना पकाने की प्रक्रिया के दौरान रसोई पकाने वाले ब्राम्हण मंत्रों का जाप करते हैं और प्रार्थना करते रहते हैं. उनके द्वारा तैयार किए गए महाप्रसाद को भगवान जगन्नाथ के लिए पवित्र माना जाता है. मान्यता है कि जगन्नाथ मंदिर की भोजन प्रसादी ग्रहण करने से शरीर शुद्ध हो जाता है.        


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