कई देशों में तेल का भंडारण है, इन देशों में बड़े-बडे़ तेल के कुए भी हैं. ऐसे में जिन देशों में तेल के कुए या भंडारण नहीं है, उन्हें दूसरे देशों से तेल खरीदना पड़ता है. या फिर वो देश समुद्र के बीच में से तेल निकालकर भी तेल की आपूर्ति करते हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर समुद्र के बीच से तेल निकाला कैसे जाता होगा? और चारो ओर पानी होने के चलते क्या वो सेफ होता होगा? चलिए आज जान लेते हैं.
यह भी पढ़ें: धरती ही नहीं बल्कि इस ग्रह पर भी आते हैं आते रहते हैं भूकंप, जानिए कितना है अलग
कैसे निकाला जाता है समुद्र से तेल?
बता दें समुद्र से तेल निकालने की प्रक्रिया कई चरणों में होती है. सबसे पहले भूवैज्ञानिकों और भूभौतिकीविदों को समुद्र के नीचे तेल के भंडारों का पता लगाना होता है. इसके लिए वो अलग-अलग तकनीकों का उपयोग करते हैं, जैसे कि सीस्मिक सर्वेक्षण, गुरुत्वाकर्षण सर्वेक्षण और चुंबकीय सर्वेक्षण.
फिर एक बार तेल के भंडारों का पता चल जाने के बाद, एक विशाल ड्रिलिंग रिग का उपयोग करके समुद्र तल में एक छेद किया जाता है. यह छेद तेल के भंडार तक पहुंचने के लिए काफी गहरा होता है. जब ड्रिलिंग पूरी हो जाती है, तो तेल को भंडार से सतह पर लाया जाता है. इसके लिए पंपों का उपयोग किया जाता है. इस दौरान तेल के साथ-साथ गैस भी निकाली जाती है. फिर निकाले गए तेल को पाइपलाइन या टैंकरों के माध्यम से तेल रिफाइनरी में ले जाया जाता है.
यह भी पढ़ें: एक पीले रुमाल से कर दी 900 से ज्यादा लोगों की हत्या, ये था भारत का सबसे बड़ा सीरियल किलर
समुद्र से तेल निकालने के फायदे और नुकसान
समुद्र से तेल निकालने के फायदे देखें तो इससे ये तेल दुनिया भर में ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत होता है. साथ ही तेल उद्योग कई देशों की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है. वहीं इससे लाखों लोगों को रोजगार भी मिलता है.
वहीं यदि इसके नुकसान पर गौर करें तो तेल निकालने की प्रक्रिया के दौरान तेल रिसाव से समुद्री जीवन और तटीय क्षेत्रों को काफी नुकसान होता है. साथ ही तेल के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है, जो जलवायु परिवर्तन का एक प्रमुख कारण है. वहीं तेल के भंडारों पर नियंत्रण के लिए कई देशों के बीच संघर्ष होता है.
यह भी पढ़ें: एक पीले रुमाल से कर दी 900 से ज्यादा लोगों की हत्या, ये था भारत का सबसे बड़ा सीरियल किलर