वायनाड में हुए भूस्खलन का अरब सागर में बढ़ते तापमान से क्या संबंध? वैज्ञानिकों ने खतरों से किया आगाह
केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन ने वहां पर भारी तबाही मचाई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वायनाड और अरब सागर के बढ़ते तापमान के बीच क्या कनेक्शन है और तापमान बढ़ने के कारण भारी बारिश क्यों हो रही है.

वायनाड में हुए भूस्खलन ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. जानकारी के मुताबिक वायनाड भूस्खलन त्रासदी में मरने वालों की संख्या 163 से ज्यादा पहुंच गई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वायनाड में भूस्खलन क्यों हुआ और इसका अरब सागर के बढ़ते तापमान से क्या कनेक्शन है. आज हम आपको बताएंगे कि अरब सागर के बढ़ते तापमान के कारण कैसे वायनाड में भूस्खलन हुआ था.
वायनाड
केरल के वायनाड जिले में भारी बारिश के कारण भयानक भूस्खलन हुआ है. इस आपदा में अब तक 163 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं. इस भयानक भूस्खलन ने घरों और सड़कों को भारी नुकसान पहुंचाया है. वहीं कई पेड़ उखड़ गए हैं और नदियां उफान पर हैं. अभी तक कई लोग लापता हैं, जिन्हें खोजने के लिए टीमें लगी हुई हैं.
अरब सागर का बढ़ता तापमान
केरल के वायनाड में हुए भारी तबाही के बाद एक वरिष्ठ जलवायु वैज्ञानिक ने बीते मंगलवार को कहा कि अरब सागर में तापमान बढ़ने से घने बादल बन रहे हैं, जिसके कारण केरल में कम समय में भारी बारिश हो रही है और भूस्खलन होने का खतरा बढ़ रहा है. वायनाड में हुए भूस्खलन की वजह अरब सागर में तापमान बढ़ना है. इस बीच वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने भूस्खलन पूर्वानुमान तंत्र और जोखिम का सामना कर रही आबादी के लिए सुरक्षित आवासीय इकाइयों के निर्माण का आह्वान किया है. कोचीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में वायुमंडलीय रडार अनुसंधान आधुनिक केंद्र के निदेशक एस अभिलाष ने कहा कि सक्रिय मानसूनी अपतटीय निम्न दाब क्षेत्र के कारण वायनाड, कालीकट, कासरगोड, कन्नूर और मलप्पुरम जिलों में भारी वर्षा हो रही है, जिसके कारण पिछले दो सप्ताह से पूरा कोंकण क्षेत्र प्रभावित हो रहा है. उन्होंने बताया कि दो सप्ताह की वर्षा के बाद मिट्टी भुरभुरी हो गई है.
वैज्ञानिकों ने कहा कि अरब सागर में तट पर एक गहरी मेसोस्केल मेघ प्रणाली का निर्माण हुआ और इसके कारण वायनाड समेत कई जगह बहुत भारी बारिश हुई और इसके परिणामस्वरूप भूस्खलन हुआ है. वैज्ञानिक अभिलाष ने कहा कि बादल बहुत घने थे, ठीक वैसे ही जैसे 2019 में केरल में आई बाढ़ के दौरान नजर आए थे. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर बहुत घने बादल बनने की जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि कभी-कभी ये प्रणालियां स्थल क्षेत्र में प्रवेश कर जाती हैं और 2019 में भी ऐसा ही हुआ था, जिसके कारण जान-माल का भारी नुकसान हुआ था.
अरब सागर
वैज्ञानिकों के मुताबिक अरब सागर में तापमान बढ़ने के बाद आसमान में घने बादल बन रहे हैं. जिसके बाद भारी बारिश हुई है और इसमें जान-माल का नुकसान हुआ है. वैज्ञानिकों के मुताबिक अरब सागर में तापमान बढ़ना है, भारी बारिश की मुख्य वजह है.
ये भी पढ़ें: देश में कहीं भी ड्रग्स जब्त होने के बाद उसका क्या होता?, क्या हैं इसके लिए नियम
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

