कैसे निकाला जाता है खतरनाक सांपों का जहर, किस तरह खतरे में अपनी जिंदगी डाल देते हैं लोग?
भारत में हर साल 50 हजार से ज्यादा लोग सांप काटने की वजह से अपनी जान गवां देते हैं. भारत में सापों की तकरीबन 300 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं, जिसमें 60 प्रजातियां विषैली (Venomous Snakes) हैं.
How Snake Poision Extracted: भारतीय दुनिया के उन देशों में शुमार है जहां हर साल सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं. आंकड़े बताते हैं कि भारत में हर साल 50 हजार से ज्यादा लोग सांप काटने की वजह से अपनी जान गवां देते हैं. भारत में सापों की तकरीबन 300 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं, जिसमें 60 प्रजातियां विषैली (Venomous Snakes) हैं.
सापों में जहर कहां से आता है?
आपने अक्सर सापों के जहर के बारे में सुना होगा? लेकिन क्या आप जानते हैं सापों का जहर कैसे आता है और लोग कैसे निकालते हैं? दरअसल सांप का जहर दरअसल उसके लार वाली ग्रंथियों से ही विकसित होता है. आम तौर पर लार खाना चबाने में मदद करने वाले एंजाइम से भरा होता है. हालांकि सांपों ने धीरे-धीरे अपने लार में ऐसे जहरीले एंजाइम विकसित कर लिए जो शिकार को पकड़ने में कारगर साबित हुए.
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इंडियन कोबरा और इंडियन कॉमन करैत सबसे कॉमन
भारत में इंडियन कोबरा और इंडियन कॉमन करैत का नाम सबसे कॉमन है. इन दोनों सापों की वजह से सांप के काटने से होने वाली मौतों में तिहाई मौतें होती हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि किंग कोबरा के जहर में पाए जाने वाले जहरीले तत्व सामान्य प्रोटीन से थोड़े ही भिन्न हैं.
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जहर में 50 से 100 तरह के अलग-अलग प्रोटीन का खतरनाक मिश्रण
जैसे-जैसे शिकार ने सांप के जहर से बचने की क्षमता विकसित की या इम्यून हुए, सांपों के अंदर पाया जाने वाला विष भी डेवलप हुआ. अब उनके जहर में 50 से 100 तरह के अलग-अलग प्रोटीन का खतरनाक मिश्रण होता है. जिसमें पॉलीपेप्टाइड्स जैसे एसिड भी शामिल हैं.
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