रात के वक्त जब एक आम इंसान आसमान की ओर देखता है तो उसे सिर्फ चमकते सितारे और चांद दिखाई देता है. लेकिन वैज्ञानिक उन सितारों में ऐसे ग्रहों की खोज करते हैं जहां जीवन की संभावना हो. अब सवाल उठता है कि वैज्ञानिक किसी ग्रह में ऐसा क्या देखते हैं कि उन्हें पता चल जाता है कि इस ग्रह पर जीवन की संभावना है. चलिए आपको आज इस आर्टिकल में इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. 


सबसे पहले पानी की तलाश


किसी ग्रह पर जीवन के लिए पानी का होना सबसे महत्वपूर्ण है. दरअसल, पानी जीवन के अधिकांश जैविक प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है. इंसानों से लेकर पेड़ पौधों तक, हर चीज को पनपने के लिए पानी की जरूरत होती है. यही वजह है कि वैज्ञानिक जब किसी ग्रह पर जीवन की संभावना की तलाश करते हैं तो सबसे पहले ये देखना चाहते हैं कि क्या ग्रह की सतह पर या उसके नीचे तरल पानी मौजूद है या नहीं. ग्रह का तापमान और दबाव ऐसे होने चाहिए कि पानी तरल अवस्था में रह सके.


तापमान और वायुमंडल की संरचना


पानी के अलावा वैज्ञानिक, ग्रह के तापमान पर भी ध्यान देते हैं. अगर किसी ग्रह पर तापमान जीवन के अस्तित्व के लिए उपयुक्त है तो इसे "गोल्डीलॉक्स ज़ोन" या "रहने योग्य क्षेत्र" कहा जाता है. इसके अलावा वायुमंडल की संरचना पर भी वैज्ञानिक ध्यान देते हैं. दरअसल, ग्रह के वायुमंडल की संरचना भी जीवन के लिए महत्वपूर्ण होती है. जीवन के लिए अगर अनुकूल वातावरण चाहिए तो इसमें ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन और अन्य गैसों की मौजूदगी जरूरी होती है.


ऊर्जा का स्रोत भी जरूरी है


जीवन के लिए ऊर्जा का स्रोत जरूरी है. वैज्ञानिक मानते हैं कि ग्रह को अपने तारे से इतनी दूरी पर होना चाहिए कि उसे सही मात्रा में प्रकाश और ऊष्मा मिलता रहे. अगर प्रकाश और उष्मा यानी गर्मी किसी ग्रह पर बराबर बनी रही तो वहां जीवन की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा रासायनिक तत्वों की उपस्थिति, ग्रह का चुंबकीय क्षेत्र और ग्रह का स्थिर सतह और भौगोलिक गतिविधि भी किसी ग्रह पर जीवन की संभावना के लिए जरूरी होता है.


ग्रह का आकार और गुरुत्वाकर्षण


किसी ग्रह पर जीवन की संभावना के लिए ग्रह का आकार और वहां मौजूद गुरुत्वाकर्षण भी महत्वपूर्ण होता है. अगर कोई ग्रह बहुत छोटा है, तो उसका गुरुत्वाकर्षण वायुमंडल को बनाए रखने में सक्षम नहीं हो सकता. वहीं, अगर कोई ग्रह बहुत बड़ा है, तो बहुत ज्यादा गुरुत्वाकर्षण जीवन के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है. यही वजह है कि इन मापदंडों की जांच करके वैज्ञानिक यह तय करते हैं कि किसी ग्रह पर जीवन के अस्तित्व की संभावना है या नहीं.


ये भी पढ़ें: पानी की जगह कोका-कोला पीकर प्यास मिटा रहे हैं इस शहर के लोग, 800 लीटर कोल्ड ड्रिंक एक आदमी पी जाता है