लोकसभा के चुनाव संपन्न भी हो गए और उनका परिणाम भी आ गया. आपको पता है कि लोकसभा के लिए सांसदों का चुनाव सीधे जनता करती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राज्यसभा के लिए सांसदों का चुनाव कौन करता है. चलिए आपको बताते हैं कि राज्यसभा का चुनाव कैसे होता है और उनके लिए मतदान कौन करता है.


कैसे होता है राज्यसभा का चुनाव?


राज्यसभा का चुनाव आम चुनावों से काफी अलग होता है. इसमें ना रैली होती है ना जनता की भीड़ और ना ही नेताओं की नारेबाजी. ये चुनाव बहुत शांति से होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि राज्यसभा के चुनाव में सीधे जनता शामिल नहीं होती. राज्यसभा के सांसदों को चुनने के लिए जनता के प्रतिनिधि मतदान करते हैं.


कौन चुनता है राज्यसभा सांसद


राज्यसभा के सांसदों को विधानसभा के मेंबर चुनते हैं. हालांकि, इसमें विधान परिषद के सदस्य हिस्सा नहीं लेते. साफ शब्दों में कहें तो जिस पार्टी के पास जितने ज्यादा विधायक होंगे, उस पार्टी के पास उतने ज्यादा राज्यसभा सांसद होंगे.


वोटिंग का एक अलग फॉर्मूला होता है


राज्यसभा के चुनाव में मतदान का एक अलग फॉर्मूला होता है और इसी फॉर्मूले से राज्यसभा के सांसद चुने जाते हैं. ये फॉर्मूला है- जिस राज्य से जितनी राज्यसभा की सीटें खाली होंगी, उनमें एक जोड़ा जाएगा. इसके बाद जो नंबर आएगा उसे कुल विधानसभा के सीटों की संख्या से भाग दिया जाएगा. इसके बाद जो नंबर आएगा, उसमें फिर से 1 जोड़ा जाएगा. अब जो संख्या आएगी उससे पता चलेगा कि एक राज्यसभा का सांसद चुनने के लिए उस राज्य से कितने विधायकों के मतदान की जरूरत होगी.


उदाहरण से ऐसे समझिए कि अगर उत्तर प्रदेश से 10 राज्यसभा की सीटों के लिए मतदान होना है तो उसमें एक जोड़ा जाएगा. यानी सीटों की संख्या हो गई 11. अब इस संख्या से राज्य की कुल विधानसभा सीटों में भाग दिया जाएगा. यानी 11 भागे 403. अब जो संख्या निकल कर आई वो है 36.63. इसे आप 36 ही मानिए. अब इसमें आप 1 जोड़ दीजिए संख्या हो गई 37. यानी यूपी से एक राज्यसभा के सांसद को चुनने के लिए 37 विधायकों की जरूरत होगी.


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