देश में कई इलाकों में शीतलहर चल रही है. जिससे आम जन जीवन अस्त व्यस्त है. कुछ जगहों पर भारी बर्फबारी हो रही है तो कुछ जगहों पर ठंड से लोगों का हाल बेहाल है. मौसम विभाग के अनुसार आने वाले कुछ दिनों तक मौसम का हाल यही रहने वाला है, लेकिन सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर मौसम विभाग को ये जानकारी पता कैसे चली या वो हर मौसम में अनुमान कैसे लगा लेते हैं. तो चलिए आज यही जानते हैं.


कैसे लगाया जाता है मौसम का अनुमान?
अमूमन कोई खबर पड़ता है कि कहीं बारिश से हाल बेहाल होने वाला है तो कहीं शीतलहर का प्रकोप आने वाला है, तो उसके मन में ये सवाल जरूर कौंधता होगा कि आखिर मौसम विभाग अनुमान लगाता कैसे है. दरअसल देश में वर्तमान समय में मौसम का पूर्वानुमान उपग्रह डाटा और कंप्यूटर मॉडल के जरिए लगाया जाता है. इसके लिए आईएमडी इनसेट सीरीज के सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है.


कंप्यूटर में डाटा जुटाने के लिए सबसे पहले बादलों की गति, उनका तापमान और उनके घनत्व का अध्ययन किया जाता है. जिसके बाद सुपर कंप्यूटर के जरिए इसकी गणना होती है कि कब, कैसे और कहां किस प्रकार का मौसम होगा.


भारत में किन सुपर कंप्यूटर के जरिए लगाया जा रहा अनुमान?
भारत मौसम की गणना फिलहाल 2018 में शुरू किए गए प्रत्युष और मिहिर नाम के सुपर कंप्यूटर के जरिए किया जा रहा है. वहीं मौसम के अनुमान में सटीकता लाने के लिए भारत को ज्यादा से ज्यादा पेटाफ्लाप कंप्यूटरों की जरूरत है. फिलहाल सरकार की ओर से इसपर काम जारी है. वहीं सरकार ने 2023 में इन सुपरकंप्यूटरों के लिए 900 करोड़ का बजट पास किया था. जिसकी पुष्टी अर्थ एवं साइंस मंत्री किरण रिजिजू ने भी की थी.