Peacock Funeral: मरने के बाद मोर का ऐसे किया जाता है अंतिम संस्कार... अंतिम विदाई में ये नियम फॉलो करने होते हैं!
Peacock: मरने के बाद मोर को यूं ही नहीं दफनाया जाता है. प्रोटोकॉल के तहत पहले मोर के शव को भारतीय ध्वज में लपेटा जाता है.
Peacock Funeral: दुनिया में हर देश के कुछ राष्ट्रीय प्रतीक होते हैं जो उसकी छवि और गरिमा को दर्शाते हैं. इसी प्रकार भारत में भी कई राष्ट्रीय प्रतीक हैं और हर किसी का अपना महत्व भी है. जैसे कि भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ है और यह देश के समृद्ध वन्य जीवन को दर्शाता है. इसी तरह पक्षियों में राष्ट्रीय पक्षी का खिताब मोर पक्षी को प्राप्त है. मोर दुनिया के सुंदर पक्षियों में से एक है. सिर पर मुकुट होने की वजह से इसे पक्षी राज भी कहा जाता है. रंग-बिरंगा इंद्रधुनषी रंग होने से यह बेहद सुंदर दिखाई पड़ता है. अक्सर सोशल मीडिया पर मोर की मौत होने पर उसके अंतिम संस्कार की वीडियो वायरल होती रहती हैं. क्या आपको मालूम है राष्ट्रीय पक्षी होने नाते मोर का अंतिम संस्कार तौर तरीके से किया जाता है? आज इस आर्टिकल में इसी बारे में जानेंगे और साथ ही यह भी जानेंगे कि मोर को राष्ट्रीय पक्षी क्यों चुना गया?
किसलिए चुना गया राष्ट्रीय पक्षी
26 जनवरी 1963 को मोर को भारत का राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया था. हर राष्ट्रीय प्रतीक को चुनने के पीछे कई कारण होते हैं. मोर को राष्ट्रीय पक्षी इसलिए चुना गया क्योंकि यह पूरी तरह से भारतीय संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है और सुंदरता प्रतीक भी माना जाता है. लेकिन कुछ लोग व्यापारिक या अपने निजी स्वार्थ को पूरा करने के लिए मोर को मार देते हैं. कुछ लोग इनके सुंदर पंखों के लिए भी इसको मार देते हैं. गौरतलब है कि इंडियन वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत मोर या किसी भी पक्षी को मारने पर 7 साल की सजा का प्रावधान है.
प्रोटोकॉल के तहत होता है अंतिम संस्कार
राष्ट्रीय पक्षी का सम्मान पाए मोर को मरने के बाद उसे यूं ही नहीं दफनाया जाता है, बल्कि उसका अंतिम संस्कार प्रोटोकॉल के तहत किया जाता है. बचपन से हम सब यही पढ़ते आए हैं कि मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी है. इसलिए मोर के मरने के बाद उसका अंतिम संस्कार करने की भी विधि अलग होती है. मरने के बाद मोर को यूं ही नहीं दफनाया जाता है. प्रोटोकॉल के तहत पहले मोर के शव को भारतीय ध्वज में लपेटा जाता है. जिसके बाद उसकी सम्मान सहित विदाई होती है. गौरतलब है कि मोर का अंतिम संस्कार केवल राज्य वन विभाग की तरफ से ही किया जाता है. लोग कभी-कभार मोर के शव पर पुष्प अर्पित भी करते हैं.
यह भी पढ़ें -
सोते हुए हमें कुछ सुनाई क्यों नहीं देता है? ये रहा इसका जवाब