अर्थ के अलावा सौर मंडल में कई ऐसे ग्रह हैं, जहां वैज्ञानिक जीवन की कल्‍पना करते हैं. जीवन की सबसे ज्‍यादा कल्‍पना मंगल और चंद्रमा पर की जाती है. हालांकि अभी पृथ्‍वी इंसानों और जीव जंतुओं के लिए सबसे बेहतर है.  पृथ्वी जैसी विविधता किसी भी ग्रह पर नहीं है. किसी अन्य ग्रह की तुलना में पृथ्वी पर जीवन निश्चित रूप से प्यारा है. आइए जानते हैं अन्‍य ग्रहों पर इंसान कितना वक्‍त गुजार सकता है. 


बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट में साइंटिस्ट नील डीग्रास टायसन के हवाले से कहा गया है कि अंतरिक्ष में बिना स्पेससूट के कहीं भी मुश्किल है. पृथ्वी के अलावा ऐसी कोई जगह नहीं है जहां आप बिना स्‍पेस सूट के दो मिनट से ज्‍यादा जीवित रह सकें. 


सूर्य और बुध पर कितने वक्‍त तक जिंदा रहना संभव? 
सबसे पहले सूर्य की बात करें तो सूर्य के समीप जाते ही इंसान का शरीर तुरंत राख बन जाएगा. इस ग्रह पर तो इंसान पहुंच भी नहीं पाएगा और वह भस्‍म हो जाएगा और वो भी कुछ सेकंड के अंदर ही.  बुध यानी मरकरी भी रहने के लिए अच्‍छा नहीं माना जाता है, क्‍योंकि यह सूर्य के काफी समीप है और इसका सूर्य की ओर वाला भाग बेहद गर्म (सबसे अधिक तापमान पर 800 डिग्री फ़ारेनहाइट/427 डिग्री सेल्सियस) होता है. इस ग्रह का दूसरा हिस्सा बेहद ठंडा है. जहां सबसे कम तापमान  माइनस 290 डिग्री फ़ारेनहाइट/माइनस 179 डिग्री सेल्सियस तक होता है. यहां जान निकलने में कुछ ही सेकंड लगेंगे. 


शुक्र पर जीवन कैसा? 
शुक्र यानी वीनस का तापमान औसतन 482 डिग्री सेल्सियस माना जाता है. एक सेकंड से भी कम समय में यहां जान जा सकती है. वहीं पृथ्वी के बारे में तो आप जानते ही हैं. यहां हर चीज की उपलब्‍धता और मानव जीवन के लिए अनुकूल वातावरण के कारण आप यहां 80 साल या उम्रभर रह सकते हैं. 


मंगल पर कैसे जीवन? 
मंगल या मार्स ज्‍यादा ठंडा माना जाता है, लेकिन हवा बहुत पतली है, इसलिए ठंड की तीव्रता उतनी नहीं होती, जितनी कि पृथ्वी पर उस तापमान पर महसूस हो सकती है. यहां स्‍पेस सूट और ऑक्सीजन सपोर्ट के बिना आप सिर्फ 2 मिनट ही जीवित रह सकते हैं. हालांकि यहां वैज्ञानिक ऑक्‍सीजन की तलाश में जुटे हुए हैं. 


अन्‍य ग्रह पर कबतक जीवित रह सकते हैं? 
बृहस्पति या ज्यूपिटर पर भी जीवन संभव नहीं है. यहां गैस का प्रभाव बहुत ज्यादा है इसलिए इसे गैसीय ग्रह भी कहा जाता है. गैस के कारण यहां 1 सेकंड में भी जान जा सकती है. सैटर्न, यूरेनस और नेपच्यून पर भी यही हाल है, यहां भी जीवन की कल्‍पना नहीं की जा सकती है. इन ग्रहों पर बिना किसी सपोर्ट के एक सेकंड बिता पाना भी मुश्किल होगा.


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