Formation of Moon: पृथ्वी के चंद्रमा का निर्माण (Formation of Moon) कैसे हुआ? यह हमेशा से ही शोध का विषय रहा है. माना जाता रहा है कि अरबों साल पहले पृथ्वी से एक विशाल पिंड टकराया (Collision), जिसके बाद की घटनाओं की वजह से चंद्रमा बना था. इस धारणा के मुताबिक, टकराव के बाद निकले अवशेषों से मिल कर हजारों लाखों सालों की प्रोसेस चलने के बाद ही चंद्रमा पूरी तरह से बन सका था, लेकिन एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि इस प्रलयकारी टकराव के बाद पृथ्वी का बड़ा हिस्सा टूटकर अंतरिक्ष में चला गया होगा, जिससे कुछ ही घंटों में चांद का निर्माण हो गया होगा.


मंगल के आकार के ग्रह से टक्कर


कई दशकों से यही कहा जाता रहा है कि मंगल ग्रह के आकार का थिया नाम का ग्रह हमारी पृथ्वी से टकराया था जिसके बाद भारी तादाद में अवशेष, पत्थर के टुकड़े और धूल निकली थी. इसके हजारों सालों की प्रोसेस के बाद चंद्रमा का निर्माण हुआ, लेकिन नई अवधारणा ज्यादा बेहतर विभेदन के जरिए सुपरकम्प्यूटर के सिम्यूलेशन्स के बेस पर इसके समय में भारी अंतर देखने को मिला है. द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लैटर्स में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि चंद्रमा के बनने की प्रोसेस बहुत ही धीमे चलने की बजाए कुछ ही घंटों में पूरी हो गई थी. 


टकराव के संकेत


इसके अलावा वैज्ञानिकों ने चंद्रमा और पृथ्वी की चट्टानों की संरचना में समानताएं देखी हैं, दोनों के बीच संयुक्त कोणीय आवेग, पृथ्वी के धूर्णन और चंद्रमा की कक्षा की समानता, और सौरमंडल के अन्यत्र चक्रिका के धूल और अन्य कणों की उपस्थिति भी मिली है, जिससे टकारव के संकेत मिलते हैं, लेकिन पृथ्वी से किसी बड़े पिंड का टकराव कैसे हुआ था यह अभी भी विवाद का विषय है.


विभेदन की जरूरत का निर्धारण


किगेरिस ने कहा हैं कि हमें केवल लगातार बढ़ते हुए विभेदन के साथ टेस्टिंग करते रहना होता है, जब तक कि हमें अलग अलग जवाब मिलना बंद ना हो जाएं. वैज्ञानिकों को चंद्रमा के निर्माण के पहले संकेत अपोलो 11 अभियान से वापस आए 21.6 किलो के चंद्रमा के पत्थर और धूल से हासिल हुए थे. चंद्रमा का ये नमूने 4.5 अरब साल पुरान थे जिसमें चंद्रमा के निर्माण की 15 करोड़ साल के अस्थिर समय पता लगा था.


अलग अलग स्थितियों के सिम्यूलेशन


कई सवालों में एक सवाल यह है कि थिया के अवशेषों से बनने के बाद चंद्रमा के अधिकांश हिस्से में पृथ्वी के हिस्से क्यों पाए जाते हैं. टकराव के बाद की अलग अलग स्थितियों की पड़ताल करने के लिए रिसर्चर्स ने विशाल मात्रा के पदार्थ पर लगने वाले गुरुत्व बल और हाइड्रोडायनामिक बलों के जटिल प्रभावों को सिम्यूलेट किया. उन्होंने एक प्रोग्राम को पृथ्वी और थिया के सैंकड़ों टकराव को बेहतर विभेदन के साथ सिम्यूलेट किया जिसमें अलग कोण, धूर्णन और गति की विविधता पाई गई थी.


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