भारत में हर दिन लाखों यात्री रेलवे के जरिए सफर करते हैं। अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। देश में सबसे ज्यादा लोग खासकर लंबे सफर के लिए ट्रेन से ही यात्रा करना पसंद करते हैं, क्योंकि ये काफी किफायती और आरामदायक माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनियाभर के कितने देशों में रेलवे पूरे तरह से इलेक्ट्रिक है और भारत में कितने फीसदी रेलवे इलेक्ट्रिक है.
इलेक्ट्रिक रेलवे
भारत में आपने देखा होगा कि आज के वक्त अधिकांश रेलवे रूट पर रेलवे लाइन इलेक्ट्रिक हो चुकी है. हालांकि भारत में रेलवे अभी भी पूरी तरीके से इलेक्ट्रिक रूट पर निर्भर नहीं है. अगर वहीं दुनियाभर के देशों की बात करेंगे, तो दुनिया में केवल तीन देशों में 100% रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन है. आसान भाषा में इन देशों में ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजन से चलती हैं. इनमें स्विट्जरलैंड, सिंगापुर और मोनाको शामिल हैं. हालांकि इन देशों का रेल नेटवर्क बहुत छोटा है.
बड़े देशों में भारत सबसे ऊपर
इसके अलावा बड़े देशों की बात करेंगे तो रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन के मामले में भारत सबसे ऊपर है. जी हां, भारत के पास अमेरिका, चीन और रूस के बाद दुनिया का चौथा बड़ा रेल नेटवर्क है. लेकिन रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन के मामले में भारत इन देशों से कहीं आगे हैं. भारत में 94% रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन है जबकि अमेरिका में मात्र 37 फीसदी, चीन में 67 फीसदी और रूस में 51 फीसदी रेल नेटवर्क इलेक्ट्रिक है. जानकारी के मुताबिक अमेरिका में रेल नेटवर्क 250,000 किमी, चीन में 124,000 किमी, रूस में 86,000 किमी और भारत में 68,525 किमी है. इसके बाद कनाडा (48,000 किमी), जर्मनी (43,468 किमी), ऑस्ट्रेलिया (40,000 किमी), ब्राजील (37,743 किमी), अर्जेंटीना (36,966 किमी) और साउथ अफ्रीका (31,000 किमी) का नंबर है.
इन देशों में रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन
वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के मुताबिक रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन में भारत के बाद बेल्जियम (82%), साउथ कोरिया (78%), नीदरलैंड (76%), जापान (75%), ऑस्ट्रिया (75%), स्वीडन (75%), नॉर्वे (68%), स्पेन (68%) और चीन (67%) का नंबर है. भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में यह आंकड़ा चार फीसदी, मेक्सिको में तीन फीसदी, मिस्र में एक फीसदी, अमेरिका में एक फीसदी, अर्जेंटीना में 0.5 फीसदी और कनाडा में 0.2 फीसदी है. बता दें कि भारत में 61,813 किमी ब्रॉड गेज नेटवर्क का इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो चुका है, जो कुल नेटवर्क का करीब 94 फीसदी है. 2014 से 2023 के बीच इस पर 43,346 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. वहीं फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में इसके लिए 8,070 रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया गया है.