Flight : आपातकाल स्थिति में फ्लाइट कितने डिग्री टर्न कर सकता? एक्सपर्ट ने बताया इसके पीछे का साइंस
आपने फ्लाइट में सफर किया है? क्या आप जानते हैं कि आपातकाल स्थिति में पायलट फ्लाइट को कितने डिग्री तक मोड़ सकता है? जानिए एक्सपर्ट्स ने फ्लाइट टर्न करने के पीछे क्या साइंस बताया है.
आज के वक्त अधिकांश लोग फ्लाइट में सफर करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि फ्लाइट कितने डिग्री तक टर्न कर सकता है? दरअसल लंदन से सिंगापुर फ्लाइट में एयर टर्बुलेंस की घटना होने के बाद लगातर सोशल मीडिया पर लोग फ्लाइट के बारे में जाना चाह रहे हैं. कुछ यूजर्स का ये भी कहना है कि क्या आपातकाल स्थिति सामने दिखने पर पायलट फ्लाइट को 360 डिग्री पर टर्न नहीं कर सकता है. आज एक्सपर्ट आपको बताएंगे कि आपातकाल स्थिति में पायलट कितने डिग्री तक फ्लाइट को मोड़ सकता है.
फ्लाइट
जब आप फ्लाइट में सफर करते हैं, उस वक्त फ्लाइट की सारी जिम्मेदारियां पायलट के हाथ में होती है. गौरतलब है कि लंदन से सिंगापुर के लिए उड़े विमान में एयर टर्बुलेंस आने के बाद एक महिला की मौत हो गई थी. जिसके बाद से दुनियाभर के लोग सोशल मीडिया पर फ्लाइट को लेकर तमाम सवाल कर रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आपातकाल स्थिति में पायलट फ्लाइट को कितने डिग्री तक मोड़ सकता है और इसके लिए क्या नियम हैं.
पायलट
फ्लाइट को टर्न को लेकर पायलट और एयरोस्पेस इंजीनियर रिचर्ड पी. एंडरसन ने कहा कि यह प्रैक्टिस की बात है. उन्होंने कहा कि अगर प्रैक्टिस नहीं है तो छोटे स्टंट विमान और फाइटर जेट भी कोई बैरल रोल नहीं कर सकते हैं. क्योंकि ऐसा करने के लिए एक कुशल पायलट की जरूरत होगी. एंडरसन ने कहा कि मैं कुछ पायलट्स को जानता हूं कि जो भारी-भरकम कमर्शियल फ्लाइट को भी बैरल रोल कर सकते थे. कमर्शियल फ्लाइट में ऐसा करने वाले सबसे प्रसिद्ध पायलट एल्विन मेल्विन टेक्स जॉनस्टन थे. बोइंग के ट्रेनी पायलट जॉनसन 1955 की गर्मियों में फ्लाइट को 360 डिग्री टर्न कर लिया था.
लॉस एंजिल्स टाइम्स के मुताबिक सिएटल के पास वाशिंगटन झील पर एक नौका से देख रहे बोइंग के अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए उन्होंने दो बार बैरल रोल किया था. यह एक ऐसा स्टंट होता है, जिसमें पायलट विमान को 180 डिग्री मोड़ लेता है और चढ़ाई करता है. हालांकि इसके लिए मौसम, गुरुत्वाकर्षण बल और स्पीड मायने रखता है. एंडरसन ने कहा कि विमान का आकार उतना मायने नहीं रखता है, जितना रोल के दौरान विमान में लगे गुरुत्वाकर्षण बल को नियंत्रित करने की पायलट की क्षमता मायने रखती है. कोई पायलट अगर गुरुत्वाकर्षण बल कंट्रोल कर सकता है, तो कुछ भी कर सकता है. हालांकि ये काफी खतरनाक होता है. जानकारी के मुताबिक ज्यादातर पायलट्स को 60 डिग्री पर टर्न करने की ट्रेनिंग मिली हुई है.
ये भी पढ़ें: क्या होता है एयर टर्बुलेंस, फ्लाइट में सफर करने से पहले ये जानना जरूरी