भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की हालत आर्थिक, सामाजिक और कानून व्यवस्था हर मामले में काफी खराब है. अभी हाल ही में ईशनिंदा के आरोपी में एक डॉक्टर का एनकाउंटर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. इतना ही नहीं इस घटना के बाद पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भीड़ ने उस डॉक्टर के शव को दफनाने से इनकार कर दिया था. डॉक्टर पर धर्म की आस्था का मजाक उड़ाने का आरोप था. इस आरोप के कारण गांव वालों ने डॉक्टर के क्लिनिक को भी तोड़ किया था, वहीं पुलिस ने डॉक्टर का एनकाउंटर कर दिया. आज हम आपको बताएंगे कि पाकिस्तान में हर साल पुलिस कितने लोगों का एनकाउंटर करती है.
पाकिस्तान
पाकिस्तान की आर्थिक तंगी किसी से छिपी नहीं है. भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की स्थिति इन दिनों सबसे खराब है. आतंकवाद को पनाह देने के साथ ही पाकिस्तान में हर साल ईशनिंदा के आरोप में कई नागरिकों की हत्या होती है. इतना ही नहीं पुलिस भी हर साल सैकड़ों पाकिस्तानी नागरिकों को एनकाउंटर में मारती है. आज हम आपको बताएंगे कि पाकिस्तान में हर साल पुलिस कितने लोगों को एनकाउंटर में मारती है.
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पाकिस्तान एनकाउंटर
पाकिस्तान भारत से एनकाउंटर के मामले में काफी आगे है. लेकिन पाकिस्तान में अक्सर फेक एनकाउंटर और अल्पसंख्यकों को टारगेट करने का मामला सामने आता रहता है. पाकिस्तान की कानून व्यवस्था पूरी दुनियाभर में सबसे खराब कानूनव्यवस्थाओं में एक है. इसके अलावा भी पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगता रहता है. एनकाउंटर के मामले में मलीर इलाक़े के एसएसपी 2018 तक रहे राव अनवार का नाम सुना ही होगा. राव अनवार ने 35 साल के करियर में कितने लोगों को मारा है, इसका सही अंदाज़ा लगाना एक मुश्किल काम है. पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में जो दस्तावेज़ दाख़िल किए गए हैं उनके मुताबिक़, सिर्फ़ जुलाई 2011 से जनवरी 2018 के बीच, साढ़े छह साल में अनवार की निगरानी में 192 एनकाउंटरों में 444 लोग मारे गये हैं.
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भारत में एनकाउंटर
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 प्रतिबंधों के बीच 2019-20 में एनकाउंटर की संख्या घटकर 135 और 2020-21 में 113 हो गई थी. लेकिन 2021-22 में मौतों की संख्या फिर से बढ़ने लगी थी. इसके अलावा गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 2017 से 2022 के बीच पिछले 5 सालों में देश में 655 एनकाउंटर हुए थे. वहीं सबसे ज्यादा 191 एनकाउंटर छत्तीसगढ़ में हुए थे. इसके अलावा दूसरे पायदान पर उत्तर प्रदेश है. यहां पांच साल में 117 मामले एनकाउंटर के आए हैं. ये वो मामले हैं जिनमें मौत हुई है. इसके बाद असम (50), झारखंड (49), ओडिशा (36) और जम्मू-कश्मीर (35) मामले सामने आये थे.
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