Drugs In India: पिछले कुछ सालों में भारत के साथ ही पूरे विश्व में नशा करने वाले और उससे पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इनके गंभीर परिणामों को देखते हुए नशे से होने वाले नुकसानों के प्रति जागरुक करने के लिए कई संस्थाएं भी समाज में कार्यरत हैं. लोगों पर नशे की बढ़ती गिरफ्त और इसके दुष्परिणामों को देखते हुए भारत में भी राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को जागरूक करने के प्रयास किए जा रहे हैं. कईं कानून भी बनाए गए हैं, इसके बावजूद भी इस पर अमल नहीं हो पाता। भारत में बच्चों से लेकर बड़ों तक हर उम्र के लोगों को इसने अपना शिकार बनाया हुआ है. लोग अलग - अलग प्रकार के नशे करते हैं. आज की रिपोर्ट में जानेंगे की भारत में कितने लोग नशा करते हैं और कौन कौन सा नशा करते हैं


भारत में लोग करते हैं ये नशे


भारत में वैसे तो शराब, सिगरेट, तंबाकू का सेवन आजकल बहुत आम हो गया है, लेकिन इसके अलावा भी लोग अलग अलग तरह के नशे करते हैं, जिनमे शराब, अफीम, चरस, गांजा (भांग), हेरोइन व कोकेन जैसे घातक नशीले पदार्थ शामिल हैं. कुछ लोग तो दवाइयों का इस्तेमाल भी नशे के रूप में करते हैं. लोग खांसी के सिरप (Cough Syrup) और कुछ निद्रकारक गोलियों का इस्तेमाल नशे के रूप में करते हैं. इसके अलावा भी लोगो ने नशा करने के अलग अलग तरीके खोज रखे हैं जैसे कोई पेट्रोल सूंघकर नशा करता है, कोई थिनर सूंघ कर तो कोई सिलोचन से नशा करता है. 


बच्चे भी नशे की गिरफ्त में


उल्लेखनीय है कि शहर में आजकल आठ से बारह साल के बच्चों में व्हाइटनर, सिलोचन और आयोडेक्स के नशा का प्रचलन हो गया है. इस नशे के लिए यह बच्चे कुछ भी करने को तैयार हैं. जिस उम्र में इन बच्चों के हाथों में कॉपी और किताब होनी चाहिए, उस उम्र में इनके हाथों में व्हाइटनर, सिलोचन और आयोडेक्स की शीशी नजर आती है. यह सब देखकर लगता है मानो प्रशासन पूरी तरह से कुंभकर्णी नींद में सो सा गया है. रेलवे स्टेशन और फुटपाथ पर रहने वाले बच्चे भी इसकी चपेट में आ चुके हैं जो इन्हे अपराध की ओर ढकेल रहा है.


भारत में इतने लोग करते हैं नशा


तमाम पाबंदियों के बावजूद भारत डार्कनेट पर बिक रहे मादक पदार्थों की आपूर्ति के लिए दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा सूचीबद्ध किए जाने वाले देशों में से एक है ऐसा वैश्विक एंटी-नारकोटिक्स निकाय ने हालिया में अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया था. 2019 में आई नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट (NDDT) एम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार 2004 से 2018 के बीच देश में अफीम का उपयोग पांच गुना बढ़ गया था. यह रिपोर्ट यह भी बताती है कि देश में 40 लाख महिलाएं कैनबिस, 90 लाख शराब और 20 लाख महिलाएं अफीम का सेवन करती हैं. देश में हर 16 में से एक महिला शराब का सेवन करती है, जबकि पुरुषों में ये आंकड़ा 5 में से 1 है. देश में 2.1 प्रतिशत लोग गैरकानूनी नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं. 44 प्रतिशत ड्रग (Drug) एडिक्ट्स नशा छोड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन उनमें से सिर्फ 25 प्रतिशत को ही इलाज मिल पाता है. लगभग एक करोड़ 3 लाख लोग देश में गांजा या चरस का सेवन करते हैं.


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