Death of Smoking: देश की राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण ने जीना हराम कर रखा है. लोग जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं. बच्चों और बुजुर्गों के लिए या हवा मौत को इनविटेशन देने के समान बन गई है. इन सबके बावजूद भी कई लोग सिगरेट पी रहे हैं. प्रदूषण के बढ़ने में सिगरेट की भी अहम भूमिका है. आपको जानकर हैरानी होगी कि सिगरेट न सिर्फ बढ़ते प्रदूषण का कारक है, बल्कि इससे लोग अपनी जान भी गंवा रहे हैं. WHO की रिपोर्ट की माने तो इससे हर रोज पूरी दुनिया में हजारों की संख्या में जाने जा रही हैं. आज की स्टोरी में हम इसी के बारे में डिटेल में जानेंगे.
क्या कहती है रिपोर्ट?
तंबाकू का सेवन करने वाले आधे लोग इसे अपनी जान गंवा दे रहे हैं. तंबाकू हर साल 80 लाख से अधिक लोगों को मौत के मुंह में धकेल रहा है, जिसमें 13 लाख ऐसे लोग हैं जो सेकंड हैंड तंबाकू की चपेट में आने से अपनी जान गंवा रहे हैं. सेकंड हैंड का मतलब होता है कि उसके आसपास में कोई व्यक्ति तंबाकू का सेवन कर रहा है और वह व्यक्ति भी उसे धुएं की चपेट में आ जा रहा है.
सबसे अधिक पुरुष कर रहे तंबाकू का सेवन
दुनिया में कुल तंबाकू यूजर्स की संख्या 1.3 अरब है. जिसमें से 80 फीसदी आबादी निम्न और मध्यम आय वाले देशों की है. 2020 में दुनिया की 22.3% आबादी ने तंबाकू का इस्तेमाल किया, जिसमें 36.7% पुरुष और 7.8% महिलाएं शामिल हैं. तंबाकू महामारी से निपटने के लिए WHO के सदस्य देशों ने 2003 में WHO फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल (WHO FCTC) को अपनाया. वर्तमान में 182 देश इस संधि के पक्षकार हैं. WHO के MPOWER उपाय WHO FCTC के अनुरूप हैं और जीवन बचाने और स्वास्थ्य देखभाल पर होने वाले खर्च को कम करने में मददगार साबित हुए हैं.
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