बाबरी विध्वंस के दिन अयोध्या में कितने लोग पहुंचे थे और कैसा था शहर का नजारा?
6 दिसंबर 1992 को अयोध्या के विवादित ढांचे को कार सेवकों द्वारा गिरा दिया गया था. इसके बाद इतिहास में दर्ज हो गई.
अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान साम की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. जिसकेे लिए पूरी अयोध्या को रोशन किया गया है. भगवान राम में आस्था रखनेे वाले लोग इसे महोत्सव के रूप में देख रहे हैैं. वहीं राम मंदिर बनने से वो तमाम कार सेवक भी काफी खुश हैं जिन्होंने राम लला का मंदिर अयोध्या में उनकी जन्मभूमि पर बनने देखा था.
आज से ठीक 31 साल पहले 6 दिसंबर 1992 को देशभर से जुटे कारसेवकों ने अपना यही सपना पूरा करने के लिए अयोध्या के विवादित ढांचे को गिराया था. जिसके चलते लंबे समय तक तनाव की स्थिति रही. वहीं सालों चले केस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार 9 नवंबर 2019 को इसपर फैसला सुनाते हुए इस ऐतिहासिक विवाद को खत्म किया, लेकिन क्या आपको पता है कि राम जन्मभूमि के लिए कितने कारसेवक 6 दिसंबर 1992 को कितने कारसेवक अयोध्या पहुंचे थे.
अयोध्या पहुंंचे थे कितने कारसेवक
दिन था 6 दिसंबर और साल 1992. दरअसल अयोध्या के लिए ये कोई आम तारीख नहीं है. ये वही दिन है जब लगभग 2 लाख कार सेवक राम मंदिर का सपना लिए बाबरी मस्जिद पहुंचे थे. इनमें से हजारों लोग इस दौरान जय श्री राम के नारे लगा रहे थे. नारा ये भी दिया जा रहा था... राम लला आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे. इन नारों से उस दिन पूरी अयोध्या गूूंज रही थी. सड़कें मानों कारसेवकों से अटी पड़ी थीं.
इन्हीं कारसेवकों नेे पुलिस बैरिकेंटिंग को तोड़कर, आगे बढ़कर विवादित ढांचे में प्रवेश किया और मस्जिद की गुबंद और बाकी जगहों पर चढ़कर उन्हें तोड़ना शुरू कर दिया था. इस घटना के बाद मौजूदा कल्याण सिंह की सरकार को बरखास्त कर दिया गया था. मामले में केस लंबे समय तक चला जिसके बाद 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया और अब अयोध्या में राम मंदिर बनने जा रहा है.
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