Indian Passports: भारत में कौन सा है VIP पासपोर्ट, विदेश जाने के लिए भी नहीं पड़ती वीजा की जरूरत
विदेश में यात्रा करने के लिए पासपोर्ट का होना जरूरी है, इसके बिना कोई शख्स विदेश में यात्रा नहीं कर सकता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में सबसे वीवीआईपी कौन सा पासपोर्ट होता है ?
दुनिया में किसी भी देश में जाने के लिए पासपोर्ट होना सबसे जरूरी होता है. कुछ देशों में ऑन अराइवल वीजा की सुविधा होती है, लेकिन सफर करने के लिए पासपोर्ट होना जरूरी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वीजा कितने प्रकार के होते हैं, क्या सबसे के लिए एक जैसा ही वीजा होता है? आज हम आपको बताएंगे कि वीजा कितने प्रकार का होता है.
भारत में कितने तरह के पासपोर्ट?
सवाल ये है कि भारत में कितने तरह के पासपोर्ट होते हैं. क्या सबके लिए पासपोर्ट एक ही होता है. बता दें कि भारत सरकार कुल 4 तरह के पासपोर्ट जारी करती है. पहला ब्लू पासपोर्ट, दूसरा ऑरेंज पासपोर्ट, तीसरा व्हाइट पासपोर्ट और चौथा डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होता है. इन सभी पासपोर्ट का कलर अलग-अलग होता है. कलर अलग होने से दूसरे देश में कस्टम और पासपोर्ट चेक करने वाले अधिकारी इन्हें आसानी से पहचान पाते हैं.
ब्लू पासपोर्ट
भारत में अधिकांश लोगों के पास ब्लू पासपोर्ट है. ये सबसे कॉमन पासपोर्ट है, जो आम नागरिकों को जारी किया जाता है. बता दें कि इसका रंग गाढ़ा नीला होता है. विदेश मंत्रालय आम नागरिकों को व्यक्तिगत अथवा पेशेवर जरूरतों के लिए ब्लू पासपोर्ट जारी करते हैं.
ऑरेंज पासपोर्ट
इसके अलावा ऑरेंज पासपोर्ट उन भारतीय नागरिकों को जारी किया जाता है, जो सिर्फ 10वीं तक ही पढ़े होते हैं. खासकर ये पासपोर्ट ज्यादातर उन भारतीयों के लिए जारी किया जाता है, जो विदेश में माइग्रेंट लेबर के तौर पर काम करने के लिए जाते हैं.
व्हाइट पासपोर्ट
भारत सरकार अपने सरकारी कामकाज से विदेश यात्रा करने वाले अपने अधिकारियों को व्हाइट पासपोर्ट जारी करता है. व्हाइट पासपोर्ट होने पर किसी भी देश में कस्टम चेकिंग के समय उनके साथ सरकारी अधिकारियों जैसा बर्ताव किया जाता है. वहीं सफेद पासपोर्ट के लिए आवेदक को अलग से एक ऐप्लीकेशन देना पड़ता है. जिसमें उनको बताना पड़ता है कि उसे इस पासपोर्ट की जरूरत क्यों है. व्हाइट पासपोर्ट होने पर उन्हें अलग से कई सुविधाएं मिलती हैं.
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट
इसके अलावा हाईप्रोफाइल सरकारी अफसरों, राजनयिकों और सरकार के प्रतिनिधियों को डिप्लोमेटिक पासपोर्ट जारी किया जाता है. डिप्लोमेटिक पासपोर्ट देश के कुल पांच कैटेगरी के लोगों को इशू किया जाता है. जिसमें पहला राजनयिक दर्जा रखने वाले लोग, दूसरा भारत सरकार के ऐसे वरिष्ठ अधिकारी जो सरकारी काम से विदेश जाते हैं. इसके अलावा तीसरा विदेश सेवा (आईएफएस) के ए और बी ग्रुप के अधिकारी, चौथा विदेश मंत्रालय और आईएफएस की इमीडिएट फैमिली और पांचवां सरकार की ओर अधिकारिक यात्रा करने वाले व्यक्ति हैं, इनमें केंद्रीय मंत्री, सांसद, राजनेता शामिल हैं.
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट के फायदे?
बता दें कि डिप्लोमेटिक पासपोर्ट को भारत का सबसे ताकतवर पासपोर्ट माना जाता है. जिनके पास यह यह पासपोर्ट होता है, उन्हें ज्यादातर देशों में वीजा की जरूरत नहीं पड़ती है. वहीं अगर कुछ देशों में वीजा जरूरी भी है, तो आम पासपोर्ट धारकों के मुकाबले इन्हें प्राथमिकता पर वीजा मिलता है. डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होल्डर को सिक्योरिटी से लेकर तलाशी तक की छूट होती है.
इसके अलावा डिप्लोमेटिक पासपोर्ट वाले शख्स को विदेश में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. ऐसे पासपोर्ट होल्डर को भारतीय दूतावास अथवा मिशन तक पहुंच हासिल होती है. वहीं अगर मेजबान देश में किसी भी तरह का खतरा है या हालात बिगड़ते हैं. उस स्थिति में डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होल्डर को सबसे पहले सुरक्षित रेस्क्यू किया जाता है.
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