चीन में कुत्ता पालने से लेकर विदेशी नागरिकों के ज्यादा दिन रुकने तक पर लगता है टैक्स! भारत से कितना अलग है वहां का टैक्स सिस्टम?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के बाद से ही संसद से लेकर सड़क तक बजट को लेकर चर्चा हो रही है. जानिए भारत के पड़ोसी देश चीन का टैक्स सिस्टम कैसा है, वहां लोग किन चीजों पर टैक्स देते हैं?
भारत में बजट पेश होने के बाद संसद से लेकर सड़क तक टैक्स को लेकर चर्चा हो रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के अलावा बाकी देशों में कितने तरह के टैक्स लिए जाते हैं. आज हम आपको भारत के पड़ोसी देश चीन के बारे में बताएंगे. जनसंख्या के मामले में चीन अब भारत के बाद दूसरे नंबर पर है. ऐसे में ये जानना बहुत जरूरी है कि वहां की सरकार जनता से कितने तरह टैक्स वसूलती है.
बजट
केंद्र सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के बाद विपक्षी पार्टियां लगातार विरोध कर रही हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के पड़ोसी देश चीन में सरकार कितने तरह के टैक्स वसूलती है. बता दें कि चीन में भी मुख्य तौर पर तीन स्तर पर आम जनता से टैक्स लिए जाते हैं. इसमें कुछ टैक्स सेंट्रल गवर्मेंट, कुछ टैक्स प्रोविंशियल गवर्मेंट और लोकल अथॉरिटी की ओर से वसूला जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में मुख्य तौर पर 14 तरह के टैक्स से ज्यादा वसूली होती है. जिसमें वैट, बिजनेस टैक्स, इनकम टैक्स शामिल है. बता दें कि चीन का ये टैक्स सिस्टम लगभग भारत से मिलता जुलता है. क्योंकि भारत में लोकल, राज्य और केंद्र सरकार की ओर से टैक्स वसूला जाता है.
बता दें कि सेंट्रल गवर्मेंट की ओर से वैल्यू एडेड टैक्स (वैट),कंजम्शन टैक्स (सीटी), बिजनेस टैक्स (बीटी), कॉर्पोरेट इनकम टैक्स वसूला जाता है. इसके अवाला सीआईटी के तहत इंडिविजुअल इनकम टैक्स (आईआईटी), रिसोर्स टैक्स (आरटी), अर्बन कंस्ट्रक्शन टैक्स (यूएमसीटी), लैंड वैल्यू टैक्स (एलवीएटी), डीड टैक्स और स्टाम्प टैक्स वसूला जाता है.
प्रोविंशियल टैक्स
अब सवाल है कि आखिर प्रोविंशियल क्या होता है. बता दें कि जिस तरीके से भारत में अलग-अलग राज्य हैं, उसी तरीके से चीन में अलग-अलग राज्य हैं. इन राज्य की सरकार को प्रोविंशियल सरकार कहा जाता है. राज्य का हेड यहां का गवर्नर होता है. चीन में प्रांतीय सरकारों की ओर से प्रोविंशियल एजुकेशन सरचार्ज, प्रोविंशियल वॉटर रिसोर्स टैक्स, प्रोविंशियल लैंड एप्रिसिएशन टैक्स लिए जाते हैं.
लोकल टैक्स
बता दें कि चीन में शहरों के हिसाब से लोकल प्रशासन भी आम इंसानों से टैक्स वसूलती है. इन टैक्सों में लोकल एजुकेशन सरचार्ज, लोकल वॉटर रिसोर्स टैक्स, लोकल लैंड एप्रिसिएशन टैक्स, प्रोपर्टी टैक्स, अर्बन कंस्ट्रक्शन टैक्स आदि शामिल होता है. इसके अलावा सरकार द्वारा कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, लैंड यूज टैक्स, हाउस प्रोपर्टी टैक्स, फार्मलैंड ऑक्यूपेशन टैक्स, व्हीकल टैक्स भी लिए जाते हैं.
कुत्ता पालने पर भी टैक्स
चीन में कई अन्य तरह के टैक्स भी लिए जाते हैं. जैसे पर्यावरण संरक्षण के नाम पर भी कई टैक्स वसूला जाता है. जैसे लकड़ी के वेस्ट को कम करने के लिए यहां फर्नीचर टैक्स लिया जाता है. इसके अलावा जो लोग घरों में कुत्ता रखते हैं, उनके मालिकों को सरकार को टैक्स देना होता है. चीनी सरकार की ओर से साइकिल टैक्स, टीवी टैक्स, डिस्को टैक्स, नमक टैक्स भी लिया जाता है.
चीन में रहने पर टैक्स
चीन में जो लोग घूमने जाते हैं, उन्हें भी टैक्स देना होता है. दरअसल चीन की आबादी में सिर्फ 2-3 फीसदी ही लोग ही टैक्स देते हैं. ऐसे में सरकार अपनी आय बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरह से टैक्स वसूलती हैं. बता दें कि चीन जाने वाला कोई विदेशी नागरिक अगर चीन में 183 दिन से ज्यादा ठहरता है, तो उसका सारा इनकम टैक्स के दायरे में आता है. इसके अलावा जो चीनी नागरिक विदेश में रहते हैं, उन्हें भी टैक्स देना होता है.
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