एक रुपये का नोट दिखाने से मिल जाता है लाखों का कैश, कैसे काम करता है हवाला सिस्टम?
हवाला के जरिेए एक जगह से दूसरी जगह तक लाखों-करोड़ों रुपये कैश के माध्यम से पहुंच जाता है. क्या आप जानते हैं कि कैसे एक नोट दिखाने से किसी दूसरे देश में करोड़ों रुपये मिल जाता है.
एक जगह से दूसरी जगह हवाला के जरिए पैसा पहुंचता है. आपने फिल्मों से लेकर पुलिस जांच में कई बार हवाला शब्द सुना होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हवाला क्या होता है और इसमें कैसे एक जगह से दूसरी जगह तक पैसा पहुंचता है. आज हम आपको बताएंगे कि हवाला में कैसे सिर्फ एक नोट दिखाने पर लाखों-करोड़ों कैश मिल जाता है.
हवाला
सबसे पहले ये जानते हैं कि हवाला क्या होता है और इसके जरिए कैसे एक जगह से दूसरी जगह तक पैसा पहुंचता है. बता दें कि हवाला एक अनौपचारिक धन हस्तांतरण प्रणाली है. इसमें पैसे की वास्तविक आवाजाही के बिना एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पैसा स्थानांतरित हो जाता है. नियमों के मुताबिक ये अवैध और सरल प्रक्रिया है. जिसके लिए किसी भी दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकता नहीं होती है और ये पूरा काम सिर्फ विश्वास पर होता है. इसलिए यह धन के स्थानांतरण की एक गुमनाम प्रणाली है.
कैसे पहुंचता है पैसा
अब सवाल ये है कि आखिर बिना फिजिकल पैसा भेजे किस तरीके से एक जगह से दूसरी जगह तक पैसा पहुंचता है. आसान भाषा में आप समझिए कि दिल्ली से करीब 20 करोड़ रुपए कैश दुनिया और देश के दूसरे हिस्सों में पहुंचाना है तो आपको इसके लिए बैंक से ट्रांसफर करने पर आपको बहुत से चार्जेस देने होंगे. इसके अलावा अलग-अलग एजेंसियों को बताना पड़ेगा कि पैसा कहां से आया और किस काम के लिए जा रहा है. लेकिन हवाला के जरिए गैरकानूनी तरीके से करोड़ो-अरबों रुपये एक देश से दूसरे देश तक भेजा जाता है, जिसके लिए कुछ कमीशन लगता है. ये सारा लेन-देन एक विश्वास के जरिए होता है. बता दें कि अधिकतर गैर-कानूनी काम रुपये, डॉलर और दिरहम इत्यादि मुद्रा लेनदेन इसी तरह होता है. हवाला के जरिए पैसा लेने के लिए अक्सर लोग किसी नोट का इस्तेमाल करते हैं, ये नोट वहां से आता है, जहां से पैसा भेजा जाता है.
हवाला का इतिहास
बता दें कि हवाला के जरिए पैसा भेजना एक बहुत पुराना तरीका है. जानकारी के मुताबिक पहले के समय चीन से लेकर अरब और यूरोपीय देशों तक सिल्क रूट से व्यापार होता था. भारत भी इसी रास्ते से व्यापार करता था. उस दौर में ऊंटों पर सवार होकर व्यापारी एक-स्थान से दूसरे स्थान तक जाते थे. हालांकि ये इतना आसान नहीं था, इस दौरान रास्ते में उन्हें चोर-डाकुओं का सामना करना पड़ता था. इसमें अक्सर उन्हें पैसे का नुकसान उठाना पड़ता था. उस दौरान एक जगह से दूसरे जगह पैसे का इंतजाम करने के लिए व्यापारी हवाला तरीके का इस्तेमाल करते थे.
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