किक्रेटर हार्दिक पांड्या और उनकी पत्नी नताशा स्तांकाविक ने सोशल मीडिया के जरिए अलग होने की घोषणा की है. लेकिन अब सवाल ये है कि क्या हार्दिक और नताशा के बीच तलाक होने के बाद हार्दिक को एलिमनी देना पड़ेगा. क्या पति-पत्नी में तलाक होने के बाद पति को एलिमनी देना जरूरी होता है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर तलाक के बाद नियम क्या कहते हैं.


हार्दिक और नताशा


 बता दें कि बीते कुछ समय से क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और उनकी पत्नी नताशा की शादीशुदा जिंदगी में अनबन होने की खबरें जोरों पर थी. इसी बीच दोनों ने इंस्टाग्राम पर तलाक की खबरों पर मोहर लगाते हुए एक पोस्ट इंस्टाग्राम पर शेयर किया है. इसमें हार्दिक ने लिखा कि  'चार साल एक साथ रहने के बाद मैंने और नताशा ने अलग होने का फैसला किया है. हमने एक साथ रहने की बहुत कोशिश की और अपना सब कुछ दिया, लेकिन हमें यह लगता है कि हमारा अलग होना ही सही फैसला है.


क्या नताशा को मिलेगा एलिमनी


अब सवाल ये है कि हार्दिक पांड्या और नताशा के अलग होने पर नताशा को एलिमनी मिलेगी? ये सवाल इसलिए बार-बार उठ रहा है क्योंकि हार्दिक पांड्या के सोशल मीडिया पर एक पुराना वीडियो वायरल होता है, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनका घर और कार उनकी मां के नाम पर है. हालांकि यह साल 2017 का वीडियो है. इस वीडियो में हार्दिक को कहते हुए सुना गया, 'मेरे पिता के खाते में मम्मी का नाम है, भाई के खाते में भी और मेरे खाते में भी...सब उनके नाम पर है. कार होने से लेकर घर होने तक...सब कुछ'.


क्या होता है एलिमनी?


पहले तो सवाल ये है कि एलिमनी क्या होता है? बता दें कि तलाक के कारण महिलाओं को काफी सामाजिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में तलाक के बाद महिला अपना गुजर-बसर कर सके, इसके लिए वह एलिमनी की मांग कर सकती है. आसान भाषा में एलिमनी का मतलब गुजारा भत्ता होता है. यानी तलाक के बाद या पहले कोई महिला अपनी गुजर-बसर के लिए पति से गुजारा भत्ता मांग सकती है. पति गुजारा भत्ता देने के लिए कानूनी तौर पर बाध्य होता है. हालांकि गुजारा भत्ता कितना होगा यह पति और पत्नी दोनों के इंटरेस्ट को ध्यान में रखकर तय किया जाता है.


जानकारी के मुताबिक एलिमनी मुख्यतः दो प्रकार की होती है. पहली जब पति-पत्नी के तलाक का मामला कोर्ट में चल रहा होता है, तब पति अपनी पत्नी को मेंटेनेंस अमाउंट देता है. दूसरा जब पति-पत्नी का तलाक हो जाता है, तब एक साथ, मासिक या तिमाही आधार पर एक निश्चित रकम पति अपनी पत्नी को देता है.


क्या पति को भी मिलता है एलिमनी?


बता दें कि आमतौर पर पति अपनी पत्नी को एलिमनी देता है, लेकिन कुछ मामलों में पत्नी भी अपने पति को एलिमनी देती है. यह स्थिति तब होती है, जब पति की कमाई कम या बेरोजगार होता है और पत्नी की कमाई अधिक होती है.


कैसे तय होती है एलिमनी?


पति अपनी पत्नी को कितनी एलिमनी देगा यह कोर्ट तय करता है. इसके लिए कोर्ट पांच बातों का खास ध्यान रखता है. पहला पति की सैलेरी,दूसरा पति की संपत्ति,तीसरी बच्चों की पढ़ाई,चौथा पति के घरवालों का खर्च और पांचवां यदि बच्चे हैं, तो वह किसके साथ रहते हैं. कोर्ट इन सब चीजों को ध्यान में रखकर ही एलिमनी की रकम तय करता है.


हार्दिक-नताशा केस में क्या होगा?


हार्दिक-नताशा अगर एक समझौते को मानते हुए अलग होते हैं, तो कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन अगर नताशा मामला कोर्ट में ले जाकर एमिमनी की मांग करती हैं, उस स्थिति में कोर्ट का फैसला मान्य होगा. हार्दिक और नताशा दोनों को कोर्ट का फैसला मानना पड़ेगा.


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