कोलकाता में लेडी डॉक्टर से रेप के बाद हत्या मामले में जोरदार विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के बारे में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले कितने बढ़े हैं. 


कोलकाता


कोलकाला में दुष्कर्म और हत्या का शिकार हुई महिला डॉक्टर के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि उसे कई बार पेनिट्रेशन का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं बल्कि महिला डॉक्टर के शरीर पर चोट के निशान भी मिले हैं. रिपोर्ट से पता चलता है कि उसके साथ कितनी दरिंदगी के साथ यौन अपराध को अंजाम दिया गया है.


कोलकाता में महिला हिंसा


एनसीआरबी की साल 2023 में आई रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ अपराध में वृद्धि दर्ज की गई थी. लेकिन शहर में क्राइम रेट कम था. कोलकाता में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि दर्ज की गई है, क्योंकि 2021 में मामलों की संख्या1,783 से बढ़कर 2022 में 1,890 हो गई थी. कोलकाता में महिलाओं के खिलाफ अपराध दर प्रति लाख जनसंख्या पर 27.1 बताई गई थी. कोलकाता में 2021 में 11 बलात्कार की घटनाएं हुई थी, जो उसके 2020 के बराबर है. लेकिन 2018 में 14 रेप केस और 2017 के 15 से कम रेप के मामले सामने आए थे. 


एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में कोलकाता में हत्या के 45, हत्या के कोशिश के 135, रेप के 11 केस, महिलाओं पर हमले के 127, डकैती के 3 और चोरी के 1246 मामले दर्ज किये गये थे. रिपोर्ट में वैसे तो महिलाओं पर अपराधों की दरों में कमी नहीं हुई थी, लेकिन बढ़ते अपराधों को देखते हुए लोगों द्वारा इन आकड़ों पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.


पश्चिम बंगाल में हिंसा


बता दें कि पश्चिम बंगाल में वर्ष 2021 के दौरान महिलाओं के खिलाफ पति और ससुराल पक्ष द्वारा घरेलू हिंसा किए जाने के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए थे. यह खुलासा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो(एनसीआरबी) की रिपोर्ट में हुआ है. एनसीआरबी के मुताबिक राज्य में 2021 में भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के तहत 19,952 मामले दर्ज हुए थे. इस धारा को दहेज विरोधी कानून भी कहा जाता है, जिसके तहत पति और ससुराल पक्ष द्वारा महिला के खिलाफ हिंसा करने पर कार्रवाई की जाती है.


पश्चिम बंगाल के बाद 18,375 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर था, जबकि राजस्थान का स्थान तीसरा था. इस धारा के तहत 16,949 मामले पिछले साल दर्ज किए गए थे. इस सूची में गोवा सबसे निचले स्थान पर है, जहां पर 2021 में घरेलू हिंसा का केवल एक मामला सामने आया था. जबकि सिक्किम में इस धारा के तहत केवल दो शिकायतें दर्ज हुई थी. 


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