डीएनए टेस्ट का नाम आप सभी लोगों ने कभी ना कभी तो सुना ही होगा. मेडिकल साइंस के कारण आज डीएनए टेस्ट संभव हो पाया है. पेटरनिटी संबंधी मामलों के लिए इसका जिक्र होता है. इसका इस्तेमाल अपराध के मामलों में भी कुछ जटिल केसों को सुलझाने में होता है. लेकिन आज हम आपको ये बताएंगे कि आखिर डीएनए टेस्ट कराने पर कितना खर्च आता है.
क्या होता है डीएनए टेस्ट?
सबसे पहले जानते हैं कि डीएनए टेस्ट क्या होता है. डीएनए का मतलब डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड होता है. ये एक ऐसा टेस्ट होता है, जो हमारे जींस या पूर्वजों या हमारे वंश के बारे में एकदम सटीक जानकारी देता है. हमारे शरीर में कई करोड़ सेल्स यानी कोशिकाएं होती हैं. रेड ब्लड सेल्स को छोड़कर बाकी सभी सेल्स में एक जेनेटिक कोडिंग होती है, जो शरीर को बनाती है, ये डीएनए होता है.
डीएनए टेस्ट
बता दें कि डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया समय लेने वाली होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि डीएनए तकनीक पहले दुनिया में नहीं थी. वर्ष 1984 में पहली बार इसके बारे में सुना गया था. जिसके बाद दुनियाभर में इसका प्रचलन बढ़ गया है. बता दें कि पूरी दुनिया में इसका इस्तेमाल करीब साढ़े तीन दशकों से हो रहा है. सबसे पहले 1984 में साइटिंस्ट एलेक जैफरीज डीएनए टेस्टिंग को उस अंजाम तक लेकर गए थे, जिससे आज की दुनिया परिचित है.
भारत में डीएनए टेस्ट
भारत में डीएनए टेस्टिंग का जनक साइंटिंस्ट लालजी सिंह को माना जाता है. उन्हें फादर ऑफ इंडियन डीएनए फिंगरप्रिंटिंग कहा जाता है. वह बनारस हिंदू विश्व विद्यालय के उपकुलपति भी रह चुके हैं. 1991 में लालजी सिंह ने भारतीय अदालत में पैटरनिटी विवाद को सुलझाने के लिए पहली बार डीएनए फिंगरप्रिंटिग की रिपोर्ट पेश की थी. इसके बाद तो भारत में ना जाने कितने ही सिविल और क्रिमिनल मामले डीएनए टेस्ट के आधार पर सुलझाए गये हैं.
आपको सुनकर आश्चर्य होगा कि डीएनए सीढ़ी की तरह आपस में घूमे हुए होते हैं. लेकिन अगर मानव शरीर में मौजूद डीएनए को सीधा किया जाएगा, तो ये इतने लंबे होते हैं कि सूर्य तक पहुंचकर 300 बार वापस धरती पर आ सकते हैं.
DNA टेस्ट का प्राइस?
बता दें कि ये प्राइवेट और सरकारी दोनों लैब में होता है. सरकारी लैब केवल आपराधिक मामलों और सरकारी ऑर्डर पर ही टेस्ट करती है, जबकि प्राइवेट लैब में कोई भी व्यक्ति डॉक्टर की सलाह पर टेस्ट करा सकता है. ये टेस्ट 10,000 रुपये से लेकर 70,000 रुपये तक में होते हैं.
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