कांचीपुरम सिल्क की एक साड़ी में कितना सोना होता है? खुद जान लीजिए इसका वजन
शादियों का मौसम आते ही कांचीपुरम सिल्क साड़ियों की खरीदारी करने वाले परिवारों को सोने की बढ़ती कीमतों के कारण झटका लगा है, जिससे उपभोक्ताओं की पसंद में बदलाव आया है.
शादी हो या फिर घर में कोई बड़ा फंक्शन हो, कांजीवरम साड़ी महिलाओं की पहली पसंद रहती है. हालांकि पिछले कुछ समय से कांजीवरम साड़ी खरीदने के लिए कपड़ा शोरूम में आने वाले व्यापारियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह सोने के साथ बढ़ती इन साडि़यों की कीमते हैं.
दरअसल पिछले कुछ समय से कांजीवरम साड़ियों की कीमत में अच्छा खासा उछाल आया है, ऐसे में शादी में कांजीवरम साड़ी पहनने वाली महिलाओं का बजट भी खासा बढ़ गया है. पिछले 8 महीनों में कांजीपुरम साड़ी की कीमतों में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर कांजीपुरम साड़ियों में कैसे और कितन सोने-चांदी की जरुरत होती है? चलिए जान लेते हैं.
कांजीपुरम सााड़ियों में होता है कितना सोना?
सोने की कीमत में पिछले कुछ समय में तेजी से वृद्धि हुई है. जिसके चलते कांजीवरम साड़ियां बेचने और बनाने वाले दुकानदारों का कहना है कि कई ग्राहक एक खास बजट के साथ आते हैं और कम सोने और चांदी वाली (कांचीपुरम) रेशमी साड़ियाँ पसंद करते हैं, जबकि कुछ अपने बजट के हिसाब से साड़ियों की संख्या कम कर देते हैं.
22 कैरेट सोने की कीमत 1 अक्टूबर, 2023 को 5,356 रुपये प्रति ग्राम से बढ़कर 21 मई, 2024 को 6,900 रुपये प्रति ग्राम हो गई. इसी तरह, इसी अवधि में चांदी की कीमत 75.5 रुपये प्रति ग्राम से बढ़कर 101 रुपये प्रति ग्राम हो गई थी. इसका अच्छा खासा असर 10 हजार करोड़ रुपये के कांचीपुरम साडि़यों के उद्योग पर पड़ा है. दरअसल कांचीपुरम सिल्क साड़ी की कीमत मुख्य रूप से सोने और चांदी की दरों से निर्धारित होती है क्योंकि ये दो धातुएं पारंपरिक सिल्क साड़ी का हिस्सा ‘जरी’ बनाने के लिए बहुत जरुरी होता है. ऐसे में किसी भी कांजीपुरम साड़ी में कितना सोना लगा है ये इस बात पर निर्भर करता है कि उस साड़ी में कितना जरी का काम किया गया है.
लोग चुन रहे दूसरा ऑप्शन
रेशम, सोने और चांदी के धागों से बनी कांचीपुरम सिल्क साड़ियां एक पारंपरिक पोशाक मानी जाती हैं, जिसे खास आयोजनों और समारोहों, खासकर दक्षिण भारत में शादी जैसे कार्यक्रमों के दौरान पहना जाता है. अपने जटिल बॉर्डर पैटर्न के लिए प्रसिद्ध, भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग वाली ये साड़ियां आधुनिक मांगों को पूरा करने के लिए भी बनाई जाती हैं, जिनमें जिस जोड़े की शादी हो रही है छवि बनाने जैसे काम भी किए जा रहे हैं. कांजीपुरम साड़ियों की कीमत 20,000 रुपये से लेकर 2.5 लाख रुपये तक भी होती है.
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