18 वीं लोकसभा चुनाव समाप्त हो चुका है. देश में एनडीए गठबंधन ने बहुमत के साथ सरकार बनाया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 543 सीटों पर कितने उम्मीदवार मैदान में थे और कितने उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है. जानिए जमानत जब्त होने पर कितने उम्मीदवारों के कितने रुपये का नुकसान होता है.
लोकसभा चुनाव 2024
बता दें कि 2024 लोकसभा चुनाव में 543 सीटों पर 8360 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. जनता ने इनमें से 542 उम्मीदवारों को चुनकर लोकसभा भेजा है. अब सवाल ये है कि 8360 उम्मीदवारों में कितने उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है? चुनाव आयोग की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक 8360 उम्मीदवारों में से 7193 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है.
किस पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत सबसे ज्यादा जब्त
जानकारी के मुताबिक जमानत गंवाने वाले उम्मीदवारों की सबसे ज्यादा संख्या बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की है. बीएसपी ने इस चुनाव में देश भर में 488 उम्मीदवार उतारे थे. जिनमें से 476 की जमानत जब्त हो गई. वहीं राष्ट्रीय पार्टियों में जमानत जब्त कराने वालों में दूसरा नंबर सीपीआईएम का है. सीपीआईएम ने 52 उम्मीदवार चुनाव में उतारे थे, जिनमें से 30 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है. वहीं तीसरा नंबर एनपीपी का है, जिसके तीन उम्मीदवारों में से एक की जमानत जब्त हुई है. वहीं टीएमसी ने 48 उम्मीदवारों को टिकट दिया था, जिनमें से पांच उम्मीदवारों का जमानत जब्त हुआ है. इसके अलावा कांग्रेस के 328 उम्मीदवारों में से 26 की जमानत जब्त हुई है. वहीं बीजेपी के 441 उम्मीदवारों में से 27 की जमानत जब्त हो गई है.
कितनी होती जमानत राशि?
अब सवाल ये है कि जमानत राशि कितनी होती है. लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव प्रत्येक उम्मीदवार को जमानत के तौर पर चुनाव आयोग के पास एक निश्चित राशि जमा करनी होती है. इस राशि को ‘जमानत राशि’ अथवा सिक्योरिटी डिपॉजिट कहते हैं. लोकसभा चुनाव के लिए सामान्य कैटेगरी के उम्मीदवारों को 25000 रुपये जमानत राशि जमा करनी होती है. जबकि एससी-एसटी कैंडिडेट को 12500 हजार रुपये देने होते हैं. इसके अलावा विधानसभा चुनाव में सामान्य वर्ग के प्रत्याशी को जमानत राशि के तौर पर 10000 रुपये और एससी-एसटी कैटेगरी के कैंडिडेट को 5000 रुपये की राशि जमा करनी होती है.
कब जब्त होती है जमानत?
चुनाव आयोग के मुताबिक यदि किसी चुनाव में उम्मीदवार को कुल वैध वोट का 1/6 यानी 16.67 फीसदी वोट नहीं मिलता है, तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है. इस स्थिति में चुनाव आयोग जमानत राशि वापस नहीं करता है. अगर किसी कैंडिडेट को 16.67% से ज्यादा वोट मिलता है तो उसकी जमानत राशि लौटा दी जाती है. वहीं अगर कोई उम्मीदवार अपना नामांकन वापस लेता है या उसका नामांकन किसी कारण से रद्द होता है. उस दौरान भी जमानत राशि वापस कर दी जाती है. इसके अलावा जीतने वाल कैंडिडेट की जमानत राशि भी वापस कर दी जाती है.
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