बिहार में पूर्व डिप्टी सीएम और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने माई-बहिन मान योजना की घोषणा की है. तेजस्वी यादव ने बीते शनिवार को दरभंगा में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान महिलाओं-बहनों के लिए माई-बहिन मान योजना की थी. उन्होंने कहा था कि अगर बिहार में हमारी सरकार बनती है तो सरकार बनने के एक महीने के अंदर माई-बहिन मान योजना के तहत महिलाओं के खाते में सीधे 2500 रुपये डाले जाएंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि किन-किन राज्यों में सरकार महिलाओं के खातों में पैसे डाल रही है.


अरविंद केजरीवाल ने भी किया वादा


दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बीते 12 दिसंबर को दिल्ली की महिलाओं के लिए महिला सम्मान योजना शुरू करने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत दिल्ली के महिलाओं का हर महीने का 1000 रुपये दिए जाएंगे। वहीं इस राशि को चुनाव के बाद बढ़ाकर 2100 रुपये करने का भी वादा किया गया है. बता दें कि सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि भारत के अलग-अलग राज्यों की राज्य सरकारें भी महिलाओं के लिए ऐसी ही आर्थिक लाभ की योजनाएं चला रही हैं.


इन राज्यों में चल रही है योजना


बता दें कि कई राज्यों में महिलाओं के लिए योजना चल रही है. इन योजनाओं के तहत महिलाओं को एक तय आर्थिक राशि दी जाती है. जैसे महाराष्ट्र की माझी लड़की बहिन योजना, मध्य प्रदेश की लाडली बहना योजना, उड़ीसा की सुभद्रा योजना, तो कर्नाटक की गृह लक्ष्मी योजना चल रही है. वहीं झारखंड में मईंया सम्मान योजना चल रहा है, जिसके तहत महिलाओं को पहले 1000 रुपये मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर सरकार ने 2100 रुपये कर दिया है. अब दिल्ली के अरविंद केजरीवाल और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अभी ऐलान किया है.


कहां से आता पैसा


अब आप सोच रहे होंगे कि सरकार जो पैसा महिलाओं को देती है, ये आखिर कहां से आता है. बता दें कि कोई भी राज्य सरकार या फिर केंद्र सरकार किसी योजना को शुरू करने से पहले बाकायदा पहले से ही पूरा बजट तैयार करती है. इतना ही नहीं इसके लिए अलग से फंड निर्धारित किया जाता है. जिसके बाद किसी योजना को शुरू किया जाता है. 


सरकार राजस्व का करती है इस्तेमाल


बता दें कि राज्य सरकार या केंद्र सरकार दोनों के ही राजस्व का मुख्य सोर्स टैक्स वसूली है. इसके लिए सरकार नागरिकों और व्यवसायों से टैक्स वसूलती है. जिसमें जीएसटी समेत कई टैक्स शामिल है, जिससे राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी होती है. इसी राजस्व का इस्तेमाल सरकार अपनी योजनाओं में करती है। 


 


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