देश के सभी क्षेत्रों में जनता वहां के विकास के लिए विधायक को चुनती है. विधायक के पदभार संभालने के बाद राज्य सरकार विधायक को क्षेत्र के विकास के लिए अलग-अलग फंड देती है. जिसमें सबसे मुख्य विधायक निधि होती है, जो सरकार की तरफ से सभी विधायकों को समान रूप से दिया जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि विधायकों को हर साल क्षेत्र के विकास के लिए कितना पैसा मिलता है. 


विधायक निधि


किसी भी राज्य में विधायक को क्षेत्र की जनता चुनकर विधानसभा भेजती है. चुनाव के बाद सरकार जब सरकार बन जाती है और सभी विधायक और मुख्यमंत्री अपना पदभार संभाल लेते हैं, उसके बाद हर राज्य के विधायक को उस क्षेत्र के विकास के लिए अलग-अलग बजट देती है, जिसमें सबसे मुख्य विधायक निधि होती है. जो राज्य के सभी विधायकों को तय नियमों के मुताबिक दिया जाता है. हालांकि इसके अलावा भी सरकार के पास अलग-अलग विकास कार्यों के लिए बजट देने का अधिकार होता है. लेकिन विधायक निधि सभी विधायकों के लिए समान होता है, जिसका इस्तेमाल विधायक अलग-अलग कामों में करते हैं.


विधायक निधि में कितना पैसा?


सरकार गठन के बाद सरकार तय नियमों के मुताबिक हर विधायक को एक साल के लिए विधायक निधि देती है. ये विधायक निधि एक साथ और किस्तों में भी सरकार दे सकती है. बता दें कि सभी राज्यों में विधायकों को विकास कार्यों के लिए अलग-अलग विधायक निधि दी जाती है. उदाहरण के लिए पिछले साल दिल्ली में आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने विधायक निधि को चार करोड़ से बढ़ाकर सात करोड़ कर दिया था. हालांकि कई पार्टी के विधायकों ने सरकार से इसे 10 करोड़ करने की मांग की थी.


जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पास होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने सदन में विधायक निधि पांच करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी. हालांकि सीएम की घोषणा बजट पास होने के बाद की गई थी, इसलिए यह घोषणा अमल में नहीं आ सकी थी. इन्हें इस वित्तीयी वर्ष तीन करोड़ रुपये ही मिले थे, जैसे पहले मिलते थे. लेकिन साल 2023-24 के लिए जब बजट पास हुआ था, तो इसमें विधायक निधि के लिए 2520.00 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई थी. यानी प्रत्येक विधायकों को पांच करोड़ रुपये विकास कार्यों के लिए मिलेंगे. 


हर राज्य में अलग विधायक निधि


बता दें कि सरकार के गठन के बाद विधानसभा में बजट पास होता है, जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री विधायक निधि देने की घोषणा करते हैं. देश के सभी राज्यों में राजस्व कोष और विकासकार्यों को देखते हुए मुख्यमंत्री सभी विधायकों के लिए विधायक निधि की घोषणा करते हैं. जानकारी के मुताबिक अधिकांश राज्यों में विधायक निधि हर विधायक के लिए 2 करोड़ से अधिक होती है. जिसका इस्तेमाल वो अलग-अलग विकास कार्यों के लिए करते हैं. हालांकि विधायक क्षेत्र में किसी भी विकास कार्य के लिए सरकार ने बजट मांगने की अपील कर सकते हैं.  


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