ISRO के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को चांद की जमीन पर लैंड करा के दुनिया में अपनी साख ऊंची कर ली है. खासतौर से उस हिस्से में जहां आज तक कोई नहीं पहुंचा. यही वजह है कि लोग इंटरनेट पर इन वैज्ञानिकों से जुड़ी हर चीज तलाश रहे हैं. आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर इसरो के वैज्ञानिकों को सैलरी कितनी मिलती है.


कितनी मिलती है वैज्ञानिकों को सैलरी?


भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो में नौकरी कई स्तर पर लोगों को मिलती है. यहां चपरासी से लेकर वैज्ञानिकों तक की भर्ती के लिए अलग अलग स्तर की परीक्षाएं होती हैं. यहां सैलरी भी अलग अलग पद के लिए अलग अलग है. जैसे इसरो में अगर कोई व्यक्ति बतौर इंजीनियर ज्वॉइन करता है तो उसे शुरुआती सैलरी 37,400 से 67,000 तक होती है. जबकि, अगर आप इसरो में सीनियर साइंटिस्ट के पद पर भर्ती होते हैं तो आपकी शुरुआती सैलरी 75,000 से 80,000 के बीच होगी. जो भी सैलरी हम आपको ऊपर बता रहे हैं वो बेसिक पे है. यानी इसमें कई तरह के भत्तों को अगर मिला दिया जाए तो ये एक लाख के करीब पहुंच जाएगी.


इसके अलावा भी मिलता है बहुत कुछ?


इसरो के वैज्ञानिकों को सैलरी के साथ साथ कई तरह की ऐसी सुविधाएं मिलती हैं जो किसी भी प्राइवेट नौकरी में आपको नहीं मिलेंगी. यहां तक कि किसी सामान्य सरकारी नौकरी में भी इस तरह की सुविधाएं नहीं मिलतीं. इसमें, घर, ट्रांसपोर्ट, सिक्योरिटी जैसी चीजें शामिल हैं. इसके साथ ही ये सीधे केंद्र सरकार के अधीन काम करते हैं तो इनकी सैलरी भी समय पर आ जाती है.


इन लोगों की सैलरी होती है सबसे ज्यादा


इसरो में कुछ पोस्ट ऐसे हैं, जिस पर नौकरी करने वालों को सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है. ये सैलरी किसी आईएएस या आईपीएस से भी ज्यादा होती है. आपको बता दें, साइंटिस्ट/इंजीनियर- एसएफ, साइंटिस्ट/इंजीनियर- एसजी, साइंटिस्ट/इंजीनियर- एच, आउटस्‍टैंडिंग साइंटिस्‍ट और डिस्टिंग्विश्ड साइंटिस्ट ऐसे पद हैं जिनकी सैलरी सबसे ज्यादा होती है. यहां देखें बेसिक सैलरी- 



  • डिस्टिंग्विश्ड साइंटिस्ट 2,05,400

  • आउटस्‍टैंडिंग साइंटिस्‍ट 1,82,200

  • साइंटिस्ट/इंजीनियर- एच 1,44,200

  • साइंटिस्ट/इंजीनियर- एसजी 1,31,100

  • साइंटिस्ट/इंजीनियर- एसएफ 1,18,500


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