फाइटर प्लेन आम प्लेन की तुलना में काफी तेज होता है. इसे जंग में इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आम प्लेन की तुलना में फाइटर प्लेन का दिल्ली से कश्मीर पहुंचने में कितना समय लगेगा? चलिए आज हम इस सवाल का जवाब जानते हैं.
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फाइटर प्लेन को क्या चीजें प्रभावित करेंगी?
दिल्ली से कश्मीर की दूरी लगभग 800 किलोमीटर है. ऐसे में यह दूरी उड़ान के समय को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारण है. वहीं फाइटर प्लेन की गति को देखें तो फाइटर प्लेन की गति अलग-अलग होती है. कुछ फाइटर प्लेन 2,000 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से उड़ सकते हैं. इसके अलावा हवा की दिशा और गति भी उड़ान के समय को प्रभावित करती है.
यदि हवा प्लेन की दिशा में चल रही है तो उड़ान का समय कम होगा और यदि हवा प्लेन के विपरीत दिशा में चल रही है तो उड़ान का समय अधिक होगा. इसके अलावा प्लेन में ईंधन का भार भी उड़ान के समय को प्रभावित करता है. ज्यादा ईंधन के साथ प्लेन ज्यादा दूर तक उड़ सकता है लेकिन इसकी गति कम हो सकती है. इसके अलावा मौसम का भी प्लेन पर खास असर होता है.
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कितनी देरी में दिल्ली से कश्मीर पहुंचेगा प्लेन?
ऊपर बताए गए कारणों को ध्यान में रखते हुए, हम कह सकते हैं कि एक फाइटर प्लेन दिल्ली से कश्मीर तक लगभग 30 से 45 मिनट में पहुंच सकता है. ये तब संभव है जब प्लेन सही दिशा में चले और उसमें कोई खराबी नहीं आए.
आम प्लेन से कितना अलग होता है फाइटर प्लेन?
फाइटर प्लेन और आम प्लेन, दोनों ही हवाई जहाज हैं लेकिन इनके डिजाइन, ताकत में काफी अंतर होता है. फाइटर प्लेन को युद्ध के लिए डिजाइन किया जाता है जबकि आम प्लेन यात्रियों और सामानों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए उपयोग किए जाते हैं. आम प्लेन की तुलना में फाइटर प्लेन काफी अलग होते हैं.
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