टाइटैनिक (Titanic Ship) इतिहास का एक ऐसा जहाज जिसके डूबने की कहानी को लोग आज भी जानना चाहते हैं. सबसे बड़ी बात की 17 मंजिला बिल्डिंग से भी ऊंचा ये जहाज अपनी पहली यात्रा के दौरान ही डूब गया. 10 अप्रैल 1912 की तारीख आज भी लोगों को जहन में जिंदा है. इसी दिन 1513 लोगों की जिंदगी लेकर ये विशालकाय जहाज समुद्र में समा गया था. चलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको इस जहाज से जुड़ी कुछ जानकारी देते हैं, इसके साथ ही आपको बताते हैं कि इस जहाज में बैठने के लिए लोगों ने कितने रुपये का टिकट लिया था.


पहले टाइटैनिक जहाज के बारे में जानिए?


वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टाइटैनिक जहाज 19 वीं सदी का वो जहाज था जिसके बारे में लोग कल्पना करते थे. इस जहाज के बारे में कहा जाता था कि यह समुद्र में कभी नहीं डूबेगा. उस दौरा का ये सबसे बड़ा जहाज था. इस जहाज की ऊंचाई 17 मंजिला बिल्डिंग के बराबर थी, वहीं इस जहाज को चलाने के लिए हर दिल लगभग 800 टन कोयले की खपत होती थी. इस जहाज के बारे में कहा जाता है कि इसमें तीन फुटबॉल मैदानों के जितनी जगह थी और इस जहाज का हॉर्न इतना तेज था कि इसे 11 मील की दूरी से भी सुना जा सकता था. हालांकि, इतना खास होने के बाद भी ये जहाज 10 अप्रैल 1912 को अपने पहले सफर के दौरान ही डूब गया.


क्या क्या थे इस जहाज में इंतजाम?


इस जहाज में यात्रियों और क्रू मेंबर्स के लिए खाने पीने की हर सुविधा थी. इस जहाज को उस वक्त के हिसाब से दुनिया की हर सुविधा से लैस किया गया था. इस जहाज में यात्रियों और क्रू मेंबर्स के लिए 86 हजार पाउंड मीट, 40 हजार से ज्यादा अंडे, 40 टन आलू, 35 सौ पाउंड से ज्यादा प्याज, 36 हजार सेब और एक हजार ब्रेड के पैकेट मौजूद थे. इसके अलावा भी इस जहाज में खाने पीने के लिए कई और चीजें मौजूद थीं.


कितना था टाइटैनिक शिप का किराया


टाइटैनिक शिप में भी तीन श्रेणियां थीं जैसी की आज भारतीय रेलवे में हैं. हालांकि, इसमें स्लीपर और जनरल नहीं था. यानी टाइटैनिक शिप में फर्स्ट क्लास, सेकंड क्लास और थर्ड क्लास की सुविधा थी. जो यात्री जिस क्लास का टिकट लेता उसे उस तरह की सुविधा दी जाती. हालांकि, किराया भी इसी हिसाब से लगता था, यानि जितनी अच्छी सुविधा उतना महंगा टिकट. जैसे अगर आप टाइटैनिक शिप में फर्स्ट क्लास का टिकट लेते तो उसके लिए आपको उस समय 4,350 डॉलर चुकाने पड़ते जो आज के हिसाब से 3 लाख 56 हजार से ज्यादा होता.


आपको बता दें आज से सौ साल पहले 3 लाख की वैल्यू 30 करोड़ से ज्यादा की थी. वहीं सेकंड क्लास के लिए आपको 1750 डॉलर का टिकट खरीदना पड़ता जो आज के हिसाब से तकरीबन डेढ़ लाख रुपये के करीब होता. जबकि, थर्ड क्लास के टिकट के लिए आपको 30 डॉलर के आस पास का किराया देना पड़ता जो 2400 रुपये के आसपास होती. हालांकि, आज से सौ साल पहले 2400 रुपये भी बहुत बड़ी रकम थी.


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