देश में ऑनलाइन गेम का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. युवाओं में भी ऑनलाइन गेम खेलने और पैसे जीतने का क्रेज बढ़ चुका है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऑनलाइन में पैसा जीतने वाले यूजर्स सरकार को कितना टैक्स देते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि ऑनलाइन गेमिंग में यूजर्स के जीतने वाले पैसों पर कितना टैक्स लगता है. 


ऑनलाइन गेम


भारत में ऑनलाइन गेम का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. इतना ही नहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑनलाइन गेम के जरिए लोग लाखों-करोड़ों रुपये जीत भी रहे हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऑनलाइन पैसा जीतने पर कितने रुपये टैक्स कटते हैं. क्योंकि  ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स से होने वाली कमाई इनकम टैक्स विभाग के रडार पर रहती है. 


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क्या कहता है नियम


बता दें कि ऑनलाइन गेम में यूजर्स जो पैसा जीतते हैं, उसमें 100 रुपये या उससे ज्यादा ऑनलाइन गेमिंग के जरिए होने वाली कमाई पर टीडीएस का भुगतान करना होता है. वहीं ऑनलाइन गेमिंग में बोनस, रेफरल बोनस या किसी प्रकार का इंसेंटिव से आय होती है, तो उसे भी टैक्सेबल रकम पर गिनी जाएगी और टीडीएस का भुगतान करना होगा. ऐसे में अगर आपने 150 रूपये लगाकर 200 जीते हैं, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा. लेकिन अगर आप 150 रुपये लगा कर 250 रुपये जीतते हैं, तो आपको इसके लिए 28 प्रतिशत जीती हुई रकम का पैसा देना ही होगा. 


सीबीडीटी के गाइडलाइंस के मुताबिक अगर कोई प्लेयर 100 रुपये से कम ऑनलाइन गेमिंग में जीतता है, तो ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म को टीडीएस काटने की जरुरत नहीं पड़ेगी. लेकिन इस सर्कुलर के मुताबिक बोनस, रेफरल बोनस, इंसेंटिव अगर ऑनलाइन गेमिंग कंपनी से दिया जाता है, तो इनकम टैक्स कानून के मुताबिक उसे भी टैक्सेबल इनकम डिपॉजिट में जोड़ा जाएगा. वहीं कुछ डिपॉजिट कॉइंस, कूपंस, वाउचर्स और काउंटर्स के तौर पर हो सकता है, उसे टैक्सबेल डिपॉजिट के तौर पर माना जाएगा.


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ऑनलाइन गेमिंग को लेकर नियम सख्त


सीबीडीटी ने अपने रूल 133 में कहा है कि किसी भी नाम से ऑनलाइन गेमिंग कंपनी के साथ यूजर अकाउंट क्यों ना रजिस्टर हुआ हो, अगर कोई टैक्सबेल डिपॉजिट, नॉन-टैक्सबेल डिपॉजिट, अगर जीता हुआ रकम क्रेडिट किया जाता है या फिर विड्रॉल डेबिट किया जाता है, उसपर नियम लागू होगा. वहीं अगर किसी यूजर का मल्टीपल अकाउंट है, तो उसका हर अकाउंट नेट रकम जीतने के लिए कैलकुलेट किया जाएगा. इसके अलावा यूजर अकाउंट में मौजूद डिपॉजिट, विड्रॉल या बैलेंस सभी इस दायरे में आयेंगे.


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