जमीन के अंदर कैसे बनता है पेट्रोलियम, जानिए कितने सालों का बचा है पेट्रोल
विश्व में पेट्रोलियम को ऊर्जा के प्रमुख स्रोत के रूप में जाना जाता है, इसीलिए इसे ‘काला सोना’ भी कहते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि जमीन के अंदर पेट्रोलियम का निर्माण कैसे होता है.
पेट्रोल ऊर्जा का एक बड़ा स्त्रोत है. गाड़ियों समेत कई अन्य जगहों पर ऊर्जा के लिए पेट्रोल का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेट्रोल कैसे बनता है ? आज हम आपको बताएंगे कि पेट्रोल जमीन के अंदर कैसे बनता है और कितने सालों के लिए पेट्रोल बचा है.
पेट्रोलियम शब्द का निर्माण
पेट्रोलियम शब्द का निर्माण ‘पेट्रो’ अर्थात ‘चट्टान’ और ‘ओलियम’ अर्थात ‘तेल’ से मिलकर हुआ है, इसीलिए इसे ‘चट्टानी तेल’ या ‘रॉक ऑयल’ भी कहा जाता है. वर्तमान समय में पेट्रोल ऊर्जा का प्रमुख स्त्रोत है, इसके महत्व के कारण इसे ‘काला सोना’ भी कहा जाता है.
क्या है पेट्रोल ?
पेट्रोलियम धरातल के नीचे स्थित अवसादी परतों के बीच पाया जाने वाला संतृप्त हाइड्रोकार्बनों का काले भूरे रंग का तैलीय द्रव है, जिसका प्रयोग ईंधन के रूप में किया जाता है. बता दें कि पेट्रोलियम को ‘जीवाश्म ईंधन’ भी कहते हैं, क्योंकि इनका निर्माण जमीन के नीचे उच्च ताप व दाब की परिस्थितियों में मृत जीव-जंतुओं व वनस्पतियों के जीवाश्मों के रासायनिक रूपान्तरण से होता है.
पेट्रोल कैसे मिलता ?
पेट्रोलियम को प्राप्त करने के लिए धरातल के नीचे स्थित अवसादी चट्टानों के ऊपर कुएं खोदे जाते हैं. बता दें कि विश्व में सबसे पहले पेट्रोलियम कुएं की खुदाई संयुक्त राज्य अमेरिका के पेंसिवेनिया राज्य में स्थित ‘टाइटसविले’ स्थान पर की गयी थी. ‘ड्रिलिंग’ से प्राप्त होने वाले पेट्रोलियम के रूप को कच्चा तेल’ कहा जाता है. कच्चे तेल को रिफायनरियों में प्रसंस्कृत किया जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि पेट्रोलियम से ही पेट्रोल,मिट्टी के तेल,विभिन्न हाइड्रोकार्बनों, ईंथर, प्रकृतिक गैस आदि को प्राप्त किया जाता है. पेट्रोलियम से इसके अवयवों के अलग करने की विधि ‘प्रभावी आसवन विधि’ (Fractional Distillation Method) कहा जाता है. इसे ‘पेट्रोलियम/तेल का शोधन’ (Petroleum Refining) कहा जाता है.
पेट्रोल जीवाश्म ईंधन
पेट्रोल जीवाश्म ईंधन है. क्योंकि पेट्रोल का निर्माण जमीन के नीचे उच्च ताप व दाब की परिस्थितियों में मृत जीव-जंतुओं व वनस्पतियों के जीवाश्मों के रासायनिक रूपान्तरण से होता है. इसका अर्थ है कि पेट्रोलियम का निर्माण जमीन के नीचे होता रहता है.
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