आज यानी 22 दिसंबर के दिन हर साल मैथमैटिक्स डे मनाया जाता है. मैथमैटिक्स डे रामानुजन के बर्थ डे के दिन ही मनाया जाता है. अब सवाल ये है कि आखिर क्यों महानगणितज्ञ रामानुजन के बर्थ डे के दिन ही मैथमैटिक्स डे मनाया जाता है. आज हम आपको इसके पीछे की कहानी बताएंगे।


महान गणितज्ञरामानुजन का जन्म


बता दें 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के इरोड में एक शिशु का का जन्म हुआ था. जो बाद में दुनियाभर में बाद में महानगणितज्ञ के रूप में जाना गया था. इस शख्स का नाम श्रीनिवास रामानुजन था. उन्होंने कम उम्र में ही गणित में अपनी महानता को साबित किया था. इतना ही नहीं उन्होंने गणित के नए सूत्र दिए थे. कहा जाता है कि गणित के सवाल सुलझाने और नए सूत्र देने में वो इतने खो जाते थे कि खाना-पीना तक भूल जाते थे. हालांकि इस दौरान कई बार हल निकलता था और कई बार नहीं निकलता है. 


परिवार की स्थिति नहीं थी अच्छी


रामानुजन के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. उनके पिता कपड़े की दुकान पर काम करते थे. वहीं उनकी आस्तिक मां मंदिर में भजन गाया करती थी. मंदिर में मिलने वाले प्रसाद से घर पर एक वक्त का खाना हो जाता था, लेकिन दूसरे वक्त के खाने के लिए परिवार पिता की कमाई पर निर्भर था. कई-कई बार ऐसा भी होता कि रामानुजन के परिवार को एक वक्त का खाना ही नसीब हो पाता था. रामानुजन का बचपन गरीबी में बीता था.


गणित के जानकार


बता दें कि बचपन से ही रामानुजन ने गणित में अपनी असाधारण प्रतिभा दिखानी शुरू कर दी थी. इतना ही नहीं गरीब माता-पिता के पास ज्यादा कॉपियां खरीदने के पैसे नहीं होते थे, तो रामानुजन पहले स्लेट में गणित के सवाल हल करते और फिर सीधे फाइनल उत्तर ही कॉपी पर उतारते थे, जिससे ताकी कॉपी जल्दी ना भरे. 


इंटरनेशनल पेपर हुआ था प्रकाशित


श्रीनिवास रामानुजन ने अपने गणितीय सिद्धांतों को दुनिया तक पहुंचाया था. उन्होंने 1911 में अपना पहला पेपर प्रकाशित किया था। इतना ही नहीं कैम्ब्रिज में अपने समय के दौरान उन्हें ब्रिटिश गणितज्ञ जीएच हार्डी द्वारा प्रशिक्षित किया गया था, जिन्होंने उन्हें अपने निष्कर्षों को कई पेपरों में प्रकाशित करने के लिए प्रोत्साहित किया था. इसके बाद 1918 में रामानुजन रॉयल सोसाइटी के फेलो के रूप में चुने जाने वाले दूसरे भारतीय बने थे.


नेशनल मैथमेटिक्स डे मनाने की शुरुआत?


भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने महानगणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के नाम पर नेशनल मैथमेटिक्स डे का ऐलान किया था. उनके गणितिय योगदान को सम्मानित करने के लिए 2012 से हर साल उनकी जन्मदिन यानी 22 दिसंबर के मौके पर मैथमेटिक्स डे मनाने की शुरुआत की गई है, उनका निधन 32 साल की उम्र में 26 अप्रैल 1920 को हुआ था.


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