भारत के लद्दाख क्षेत्र में बहने वाली श्योक नदी में टैंक को पार करते समय एक बड़ा हादसा देखने को मिला. जहां मिलिट्री ट्रेनिंग से लौटते वक्त 28 जून की रात सेना का एक टैंक पूर्वी लद्दाख के सासेर ब्रांग्सा के पास बह रही श्योक नदी से गुजर ही रहा था कि अचानक नदी का पानी बढ़ गया, जिसके चलते आर्मी का टैंक पानी में फंस गया.


बचाव दल दुर्घटना स्थल पर पहुंच चुका था लेकिन अचानक बढ़े जलस्तर के चलते बचाव अभियान सफल नहीं हो पाया और देखते ही देखते टैंक चालक दल नदी में बह गया. जिसके चलते उनकी मौत हो गई. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस हादसे पर अफसोस जताया है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर ये नदी कहां से कहां तक बहती और कैसे अचानक इसका जल स्तर बढ़ गया. साथ ही इसके नाम के पीछे भी एक खास वजह है.


क्यों कहा जाता श्योग नदी?


लद्दाख में बहने वाली इस नदी के नाम के पीछे दो अलग-अलग कारण बताए जाते हैं. पहला कारण ये है कि इस नदी का नाम श्योक तिब्बती भाषा के शग और ग्योग से लिया गया है. इसमें शग का मतलब बजरी और ग्योग का मतलब फैलाने से होता है. ये नदी बाढ़ आने पर भारी मात्रा में बजरी इकट्ठा करती है. जिसके चलते इसे बजरी फैलाने वाली यानी श्योग कहा जाता.


श्योक नदी को कई लोगमौत की नदीके रूप में भी जानते हैं. इसका रिश्ता पश्चिमी चीन के उइगर इलाके से बताया जाता है. कहा जाता है कि उइगर भाषा (यारकंदी) में श्योक का मतलब मौत से होता है.


ये भी है कहानी


प्राचीन काल में मध्य एशियाई व्यापारियों के कई समूह मध्य एशिया के यारकंद से लेह की ओर जाते थे. ऐसे में श्योक नदी को कई बार पार करने की स्थिति बनती थी. कहते हैं कि इस नदी के बहाव में कई लोग और जानवरों के झुंड बह गए. यहीं से इसका नाम श्योक नदी पड़ गया.


इस नदी में बारिश के दिनों में अचानक जल स्तर बढ़ जाता है. ऐसे में इसमें जाना किसी भी खतरे से कम नहीं है.                                                                           


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