भारत के कई जिलों में ठंड का प्रकोप जारी है. कुछ इलाकों में तो टेम्प्रेचर 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है. ऐसे में हम और आप तो इस ठंड से बच जाएंगे लेकिन सीमा पर तैनात जवानों को अपने आप के साथ देश की भी रक्षा करनी है. इसी कड़ाके की ठंड में दिन-रात ड्यूटी करने वाले बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के सामने कड़ी चुनौती है. 


कोहरा इतना घना है कि 3 से 4 मीटर तक देखना भी दूभर हो रहा है. ऐसे में पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में सीमा पर नजर रखने के लिए फोर्स कुछ खास तकनीकों का इस्तेमाल करती है.


क्यों बढ़ जाती है सेना की चुनौती
ठंड के समय कोहरे और धुंध के चलते विजिबिलिटी कम हो जाती है. ऐसे में घुसपैठिए इसी समय फेंसिंग काटकर भारत में आ जाते हैं. जिसके चलते सेना की चुनौती बहुत बढ़ जाती है. वहीं पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ करने वाले आंतकी ठंड के बढ़ने और कोहरा घना होने के इंतजार में बैठे होते हैं. वहीं घाटी में बर्फबारी होने से उत्तरी कश्मीर के रास्ते से बॉर्डर पार करना बहुत मुश्किल हो जाता है. जिसके चलते आंतकी जम्मू के रास्ते बॉर्डर पार करने की कोशिश करते हैं.


ठंड में सीमा पर कैसे पहरेदारी करती है सेना?
ठंड में सेना की पहरेदारी बढ़ जाती है. आमतौर पर दिनरात सेना के जवान बॉर्डर की पहरेदारी करते हैं, लेकिन कोहरे के चलते सतर्कता और बढ़ाने के लिए सेना नाइट विजन कैमरे के अलावा सेंसर से सीमा पर हर एक्टिविटी को ट्रैक किया जाता है. वहीं कई बार घुसपैठिए को अंदर बॉर्डर पार करने के लिए कई बार सेना पर फायरिंग भी कर देते हैं. 


धुंध के चलते सेना के जवानों को उनके होने का पता लगाना चैलेंजिंग होता है. ऐसे में सेना के जवानों को हर वक्त अलर्ट रहना होता है. वहीं ठंड से बचने के लिए जीरो डिग्री सेल्सियस वाली जगहों पर जवानों के लिए स्पेशल यूनिफॉर्म का इंतजाम होता है जिससे वो अपने आप को ठंड से बचाकर देश की रक्षा कर सकें.


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