भीड़ बढ़ाने के लिए शुरू हुआ फेस्टिवल कैसे बन गया मिस वर्ल्ड कॉम्पिटिशन
भारत इस बार मिल वर्ल़्ड कॉम्पिटीशन की मेजबानी कर रहा है. इसका फिनाले 9 मार्च को मुंबई में होगा. तो चलिए आज जानते हैं कि इस कॉम्पिटीशन की शुरुआत कैसे हुई.
20 फरवरी से भारत में मिस वर्ल्ड कान्टेस्ट की शुरुआत हो चुकी है. 9 मार्च को होने वाले इसके फिनाले की तैयारियां चल रही हैं. इस ब्यूटी कॉन्टेस्ट को दुनिया का सबसे पुराना ब्यूटी कॉन्टेस्ट माना जाता है. जिसकी शुरुआत 1951 में काफी दिलचस्प तरीके से हुई थी. चलिए आज इस कॉम्पिटीशन की हिस्ट्री जानते हैं.
क्यों किया गया फेस्टिवल का आयोजन
ब्रिटिश सरकार द्वारा 1951 में गर्मियों के दौरान फेस्टिवल ऑफ ब्रिटेन का आयोजन किया गया था. ये फेस्टिवल दूसरे विश्वयुद्ध केे बाद देश का पुननिर्माण करने के लिए आयोजित किया गया था. जिसमें देश की कलाओं, नई चीजों और तकनीकों को पेश किया गया था.
भीड़ जुटाने के लिए किया गया था फेस्टिवल का आयोजन
इस फेस्टिवल में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जुटाने के लिए आयोजकों द्वारा लंदन की एक मनोरंजन कंपनी की मदद ली गई. उस समय कंपनी के पब्लिसिटी डायरेक्टर एरिक मॉर्ले थे. एरिक को भीड़ बढ़ाने के लिए एक खास आइडिया आया और उन्होंने इस ब्यूटी कॉन्टेस्ट में एक ब्यूटी कॉन्टेस्ट का सुझाव दे दिया. इस कॉन्टेस्ट को फेस्टिवल बिकिनी कॉन्टेस्ट नाम दिया गया. बता दें कि उस समय बिकिनी बहुत नया कॉन्सेप्ट माना जा रहा था. ऐसे में सभी प्रतियोगियों को बिकिनी पहनने के लिए कहा गया और उसी से उन्हें आंका भी गया.
कॉन्टेस्ट हो गया पॉपुलर
बिकिनी पहनकर रैंप पर उतरीं प्रतियोगियों में किकी हाकनसन को विजेता चुना गया. बस फिर क्या था इस कॉन्टेस्ट की चर्चाएं हर जगह होने लगीं. मीडिया में भी इसे खूब तारीफें मिलीं. ब्रिटिश प्रेस ने इस कॉन्टेस्ट को 'मिस वर्ल्ड' तक करार दे दिया. हालांकि वैसे तो ये सिर्फ एक इवेंट था, लेकिन लोगों की प्रतिक्रियाएं देखते हुए मार्ले ने इस कॉन्टेस्ट को हर साल आयोजित करना शुरू कर दिया और तब से लेकर अबतक हर साल ये कॉन्टेस्ट आयोजित किया जाता रहा है. हालांकि समय-समय पर इस कॉन्टेस्ट में बिकिनी की अहमियत को लेकर भी विवाद खड़े होते रहे हैं.
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