How The Tie Trend Started: सूट या शर्ट पर टाई लगाने भर से किसी भी व्यक्ति की पर्सनैलिटी में काफी फर्क आता है. किसी पेशेवर की मीटिंग हो, पार्टी हो या शादी और इंगेजमेंट. सूट या शर्ट पर टाई हर मौके पर जंचती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर टाई का चलन कब कैसे शुरू हुआ. अपने इस आर्टिकल के जरिए हम टाई का इतिहास आपको बताएंगे-
ऐसे शुरू हुआ टाई का चलन-
कहा जाता है कि जब यूरोप में कैथोलिक धर्म और प्रगतिशील प्रोटेस्टेंट के बीच युद्ध चल रहा था, तब यूरोपीय देश क्रोएशिया के सैनिकों ने अपने खास ड्रेस कोड के लिए टाई पहनी थी. जिसके बाद इसे लुई चौदहवां (फ्रांस का शासक) ने अपनाया. लुई चौदहवां ने इसका बकायदा प्रचलन किया और इस तरह से टाई चलन में आई. यह लगभग 1620 से 1650 के बीच का समय था.
पहले कुछ और था टाई का नाम-
टाई को पहले इस नाम से नहीं जाना जाता था. तब इसे क्रैवेट कहा जाता था. आगे चलकर इसका नाम टाई पड़ा. गौरतलब है कि 18 अक्टूबर को टाई-डे के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन को सेलिब्रेट करने की शुरुआत यूरोपीय देश क्रोएशिया से हुई थी.
टाई पहनने से बढ़ता है आत्मविश्वास-
टाई पहनने से न सिर्फ हमें बेहतरीन लुक मिलता है, बल्कि इससे आत्मविश्वास भी बढ़ता है. किसी भी खास मौके से लेकर सामान्य पेशेवर काम के दिनों में भी शर्ट के साथ या सूट पर आप टाई बांध सकते हैं.
करती है ऊर्जा का संचार देती है आकर्षक लुक-
टाई के बारे में कहा जाता है कि इसे बांधने से न सिर्फ व्यक्ति अनुशासित रहता है, बल्कि उसमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है. इसके अलावा टाई बांधने से व्यक्तित्व भी निखरता है. इससे आपको जेंटलमैन लुक मिलता है.
महिलाएं भी बांधती हैं टाई-
टाई सिर्फ पुरुषों के लिए ही नहीं होती है. महिलाएं भी इसे बांधती है. उनके लिए भी पेशेवर जीवन सहित अन्य तमाम मौकों पर इसका खास महत्व है.
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